वैश्विक तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं के बीच दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु-मुक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वी सुंग-लैक ने स्पष्ट किया कि उत्तर कोरिया के रुख से परे, परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य अटल है। यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय संबंधों, रणनीतिक अध्ययन और कूटनीति में अत्यंत प्रासंगिक है—विशेषकर यूपीएससी, एसएससी, रक्षा सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए।
परमाणु निरस्त्रीकरण योजना का विवरण
सियोल में बोलते हुए वी सुंग-लैक ने तीन-स्तरीय योजना प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य उत्तर कोरिया की परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को कम करना और क्षेत्रीय सुरक्षा व कूटनीतिक जुड़ाव सुनिश्चित करना है।
तीन-स्तरीय योजना
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प्रारंभिक रोकथाम : तत्काल प्राथमिकता उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को रोकना है।
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विश्वास निर्माण उपाय : संवाद के माध्यम से तनाव कम करना, बिना राष्ट्रीय सुरक्षा या प्रतिरोध क्षमता को कमजोर किए।
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अंतिम परमाणु निरस्त्रीकरण : दीर्घकालिक लक्ष्य उत्तर कोरिया के पूरे परमाणु शस्त्रागार को अंतरराष्ट्रीय सत्यापन के साथ समाप्त करना है।
वी ने स्पष्ट किया कि दक्षिण कोरिया की रणनीति शांतिपूर्ण वार्ता और सैन्य तत्परता के बीच संतुलन पर आधारित है, ताकि प्रतिरोध क्षमता बनी रहे और निरस्त्रीकरण की दिशा में प्रगति हो सके।
एपीईसी शिखर सम्मेलन और कूटनीतिक संदर्भ
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आगामी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन ग्योंगजु, दक्षिण कोरिया में आयोजित होने वाला है। यह मंच सुरक्षा, व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग पर बहुपक्षीय चर्चा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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उत्तर कोरिया की अनुपस्थिति : वी ने पुष्टि की कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की कोई संभावना नहीं है।
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अमेरिका की भागीदारी : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस सम्मेलन में दक्षिण कोरिया आने की उम्मीद है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए कूटनीतिक प्रयास मजबूत होंगे।
प्रमुख तथ्य
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समझौता : दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच
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अधिकारी : वी सुंग-लैक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (दक्षिण कोरिया)
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लक्ष्य : कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु निरस्त्रीकरण
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योजना का प्रकार : तीन-स्तरीय दृष्टिकोण
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शिखर सम्मेलन : एपीईसी 2025 (ग्योंगजु, दक्षिण कोरिया)


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