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अक्टूबर 2023 में सूर्य और चंद्र ग्रहण: जाने तिथि और समय

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अक्‍टूबर का महीना इस बार बहुत खास होने वाला है। इस महीने में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2023)और चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2023) दोनों लगने जा रहे हैं। एक सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पहले ही अप्रैल और मई के महीने में लग चुके हैं। ये साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण होगा। किसी भी ग्रहण को ही वैज्ञानिक रूप से खगोलीय घटना माना जाता है। हालांकि भारत में इसे धार्मिक घटना माना जाता है और ग्रहण से पहले सूतक के नियम लागू हो जाते हैं, जिसमें तमाम चीजों पर पाबंदी होती है।

 

14 अक्‍टूबर को लगेगा वलयाकार सूर्य ग्रहण

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्‍टूबर शनिवार को लगेगा। सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। ये ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा। इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार से ढंकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है। ऐसे में सूर्य एक कंगन की तरह दिखाई देता है. इसे रिंग ऑफ फायर (Ring Of Fire) कहा जाता है।

 

सूर्य ग्रहण का समय और कहां दिखेगा

अक्टूबर में दिखने वाला ये सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार ग्रहण रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इसे उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका, बहामास, आदि जगहों पर देखा जा सकेगा। भारत में ये नहीं दिखेगा।

 

साल 2023 के चंद्र ग्रहण

साल का दूसरा व अंतिम चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन लगेगा। यह ग्रहण रात 1:06 से प्रारंभ होगा और 2:22 पर यह समाप्त हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, जिससे सूतक काल मान्य होगा।

 

क्यों होता है सूर्य ग्रहण?

सूर्य ग्रहण उस स्थिति में होता है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। ऐसी स्थिति होने पर सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसा होने से चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है, और सूरज का कुछ ही हिस्सा दिखाई देता है। हालांकि, सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण।

 

क्यों होता है चंद्र ग्रहण?

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही एक खगोलीय घटना है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रक्रिया में एक ऐसा भी समय आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं। इस स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता। इसी घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है।

 

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FAQs

चंद्र ग्रहण कब लगता है?

चंद्र ग्रहण: इसे चंद्रमा के ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है, यह तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। परिणामस्वरूप पृथ्वी, सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है और चंद्रमा पर अपनी छाया डालती है। यह आमतौर पर पूर्णिमा की रात को होता है।