भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) और फेडरल बैंक ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी MSME पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न वित्तीय सेवाएँ प्रदान करेगी, जिनमें परियोजना वित्त, मशीनरी और उपकरण ऋण, कार्यशील पूंजी सहायता और संपत्ति के बदले ऋण शामिल हैं।
इस सहयोग के तहत, MSMEs को अधिक सुगमता से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए संयुक्त वित्तपोषण के विकल्प भी खोजे जाएंगे। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की MSME क्षेत्र को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो भारत के विनिर्माण और औद्योगिक विकास की रीढ़ माना जाता है।
SIDBI-फेडरल बैंक समझौते के प्रमुख बिंदु
साझेदारी का उद्देश्य: MSMEs के लिए विभिन्न ऋण सुविधाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता को बढ़ाना।
प्रस्तावित वित्तीय सेवाएँ:
- परियोजना वित्त
- मशीनरी और उपकरण वित्त
- कार्यशील पूंजी ऋण
- संपत्ति के बदले ऋण
संयुक्त वित्तपोषण पहल:
दोनों संस्थाएँ MSMEs को ऋण उपलब्ध कराने के लिए सह-उधार (Co-Lending) के अवसरों का पता लगाएंगी।
सरकार की प्रतिबद्धता:
- प्रधानमंत्री मोदी ने MSME क्षेत्र को भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया।
- 2020 में सरकार ने MSME की परिभाषा में बदलाव कर व्यवसायों की वृद्धि पर लगे प्रतिबंध हटाए।
- बजट में उत्पादन और निर्यात बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
आगामी MSME ऋण योजनाएँ:
- वाणिज्य, MSME और वित्त मंत्रालय निर्यातकों के लिए नई ऋण योजनाओं पर काम कर रहे हैं।
- गैर-शुल्कीय उपायों (Non-Tariff Measures) से उत्पन्न समस्याओं को हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो भारत के निर्यात में बाधा डालते हैं।
- सरकार फैक्टरिंग सेवाओं को मजबूत करने की योजना बना रही है, जिससे MSMEs के लिए वैकल्पिक वित्तीय समाधान उपलब्ध हो सकें।
सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
क्यों चर्चा में? | SIDBI और फेडरल बैंक ने MSME वित्तपोषण को मजबूत करने के लिए साझेदारी की |
किसके बीच समझौता (MoU)? | SIDBI और फेडरल बैंक |
उद्देश्य | MSME वित्तपोषण को मजबूत करना |
वित्तीय सेवाएँ | परियोजना वित्त, मशीनरी वित्त, कार्यशील पूंजी सहायता, संपत्ति के बदले ऋण |
संयुक्त वित्तपोषण | MSME ऋण विस्तार के लिए दोनों संस्थाएँ सह-उधार (Co-Lending) करेंगी |
सरकारी समर्थन | पीएम मोदी ने MSME क्षेत्र को भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया |
प्रमुख MSME बजट पहल | संशोधित MSME परिभाषा, निर्यात ऋण योजनाएँ, गैर-शुल्कीय बाधाओं को दूर करने के प्रयास |
भविष्य की योजनाएँ | फैक्टरिंग सेवाओं के माध्यम से वैकल्पिक वित्तपोषण को मजबूत करना |