भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे देश की रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता (Strategic Deterrence) को मजबूती मिली है। इसमें दो प्रमुख स्वदेशी मिसाइल प्रणालियाँ — ‘शौर्य’ (Shaurya) और ‘अग्नि-V’ (Agni-V) — विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। ये दोनों मिसाइलें भारत की परमाणु त्रिस्तरीय रक्षा प्रणाली (Nuclear Triad) और प्रतिरोधक रणनीति में अहम भूमिका निभाती हैं। नीचे इन दोनों मिसाइलों की तुलनात्मक जानकारी दी गई है:
सामान्य विवरण
शौर्य मिसाइल
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प्रकार: सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल (Tactical Missile)
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मारक दूरी: लगभग 700 से 1,900 किलोमीटर
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गति: हाइपरसोनिक (Mach 7.5)
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लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म: कैनिस्टरयुक्त, भूमि-आधारित
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प्रणोदन प्रणाली: दो-चरणीय ठोस ईंधन
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पेलोड क्षमता: परमाणु या पारंपरिक (1 टन तक)
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उद्देश्य: तीव्र प्रतिक्रिया वाली, सटीक सामरिक हमलों के लिए उपयोगी
अग्नि-V मिसाइल
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प्रकार: अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)
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मारक दूरी: 5,000 किमी से अधिक (कुछ अनुमान 8,000+ किमी)
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गति: हाइपरसोनिक (पुनः प्रवेश पर Mach 24)
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लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म: कैनिस्टरयुक्त, सड़क-परिवहनीय
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प्रणोदन प्रणाली: तीन-चरणीय ठोस ईंधन
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पेलोड क्षमता: केवल परमाणु (1.5 टन तक)
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उद्देश्य: लंबी दूरी के शत्रुओं के खिलाफ रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता
मुख्य अंतर
विशेषता | शौर्य | अग्नि-V |
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भूमिका | सामरिक परमाणु व पारंपरिक हमला | रणनीतिक परमाणु प्रतिरोधक क्षमता |
मारक दूरी | मध्यम दूरी (1,900 किमी तक) | अंतरमहाद्वीपीय दूरी (5,000+ किमी) |
गतिशीलता | उच्च; तेज़ी से लॉन्च हो सकने योग्य | सीमित; रणनीतिक भूमिका के लिए उपयुक्त |
सटीकता | अत्यधिक (20–30 मीटर के भीतर) | रणनीतिक स्तर की सटीकता |
विकास उद्देश्य | त्वरित तैनाती और युद्ध स्थितियों में बचाव | गहरी मारक क्षमता व द्वितीय आक्रमण योग्यता |
तैनाती क्षेत्र | क्षेत्रीय खतरों के लिए उपयोगी | चीन जैसे प्रमुख विरोधियों के लिए |
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शौर्य मिसाइल को इसकी गति, कम रडार दृश्यता और त्वरित लॉन्च क्षमता के लिए सराहा जाता है। यह युद्ध के दौरान द्वितीय प्रतिआक्रमण (second-strike) की क्षमता को सुनिश्चित करता है और क्षेत्रीय संघर्षों में उपयोगी है।
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अग्नि-V मिसाइल अपनी लंबी मारक दूरी के कारण लगभग पूरे एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों को भारत की रणनीतिक पहुंच में लाता है। यह विशेष रूप से चीन जैसे बड़े खतरों के सामने भारत की परमाणु प्रतिरोधक नीति को सशक्त बनाता है।