सेशेल्स कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव का नया सदस्य बना

सेशेल्स ने भारतीय महासागर में क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की पूर्ण सदस्यता प्राप्त कर ली है। यह घोषणा 20 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 7वीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)-स्तरीय बैठक के दौरान की गई, जिसकी अध्यक्षता भारत के NSA अजीत डोभाल ने की। भारत, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका और बांग्लादेश पहले से ही इसके सदस्य हैं। सेशेल्स के जुड़ने से यह बहुपक्षीय मंच समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी सहयोग और मानवीय सहायता जैसे क्षेत्रों में अपने क्षेत्रीय प्रभाव और सहयोग की क्षमता को और अधिक मजबूत करता है।

कोलंबो सिक्योरिटी कंक्लेव के बारे में

कोलंबो सिक्योरिटी कंक्लेव भारतीय महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region–IOR) में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित एक बहुपक्षीय क्षेत्रीय समूह है। इसका एजेंडा पाँच मुख्य रणनीतिक स्तंभों पर आधारित है—

  • समुद्री सुरक्षा और संरक्षा

  • आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला

  • तस्करी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध पर रोक

  • साइबर सुरक्षा और महत्त्वपूर्ण अवसंरचना की रक्षा

  • मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR)

यह मंच क्षेत्र में साझा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए शुरू किया गया था और समय के साथ यह क्षेत्रीय विश्वास निर्माण, संयुक्त अभ्यासों और सूचनाओं के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।

7वें एनएसए-स्तरीय बैठक की प्रमुख झलकियां

2025 की कोलंबो सिक्योरिटी कंक्लेव बैठक में सभी सदस्य देशों के उच्च-स्तरीय सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।

  • मालदीव का प्रतिनिधित्व एनएसए इब्राहिम लतीफ़ ने किया

  • मॉरीशस का प्रतिनिधित्व एनएसए राहुल रासगोतरा ने किया

  • श्रीलंका की ओर से रक्षा सचिव एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) संपथ थुयाकोंटा उपस्थित रहे

  • बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व एनएसए ख़लील-उर-रहमान ने किया

  • सेशल्स की ओर से चीफ़ ऑफ़ डिफेन्स फ़ोर्सेज मेजर जनरल माइकल रोसेट ने भाग लिया

इस वर्ष मलेशिया ने पहली बार गेस्ट कंट्री के रूप में बैठक में हिस्सा लिया, जो इन्डो-पैसिफिक सुरक्षा मामलों में कंक्लेव की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि हिन्द महासागर एक साझा सामरिक धरोहर है, और इसकी स्थिरता, सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग अनिवार्य है।

सेशल्स की सदस्यता का महत्व

सेशल्स का पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होना रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है—

  • भूरणनीतिक स्थिति: पश्चिमी हिन्द महासागर का प्रमुख द्वीपीय देश होने के कारण, यह CSC की समुद्री सुरक्षा कवरेज को और मजबूत बनाता है।

  • समुद्री जागरूकता: इसकी भागीदारी समुद्री डोमेन जागरूकता, एंटी-पाइरेसी और तस्करी-रोधी अभियानों को सशक्त करेगी।

  • कूटनीतिक संदेश: इससे भारत-सेशल्स संबंध और गहरे होंगे तथा भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता की भूमिका पुनः सुदृढ़ होगी।

  • संस्थागत विस्तार: CSC के विस्तार से यह स्पष्ट होता है कि यह समूह सीमा-पार चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक परिपक्व और प्रभावी तंत्र बनता जा रहा है।

स्थिर तथ्य

  • कार्यक्रम: कोलंबो सिक्योरिटी कंक्लेव की 7वीं एनएसए-स्तरीय बैठक

  • तारीख: 20 नवंबर 2025

  • स्थान: नई दिल्ली, भारत

  • नया सदस्य: सेशल्स

  • गेस्ट कंट्री: मलेशिया

  • अध्यक्ष: भारत के एनएसए अजीत डोभाल

  • अन्य सदस्य देश: भारत, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका, बांग्लादेश

  • सहयोग के प्रमुख स्तंभ:

    • समुद्री सुरक्षा

    • आतंकवाद-रोधी सहयोग

    • अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध नियंत्रण

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vikash

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