भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डीबी रियल्टी लिमिटेड (अब वेलोर एस्टेट लिमिटेड) और सात संबंधित व्यक्तियों पर वित्तीय गड़बड़ियों और अनिवार्य खुलासों में चूक के लिए कुल ₹25 लाख का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई कंपनी द्वारा लेखा मानकों के उल्लंघन और पुणे बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड (PBPL) के लिए बैंक ऑफ इंडिया को दी गई कॉर्पोरेट गारंटी को ठीक से उजागर न करने के कारण की गई।
SEBI की कार्रवाई का कारण
SEBI की जांच में सामने आया कि डीबी रियल्टी ने 2013 में PBPL के लिए बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए ऋण से संबंधित वित्तीय विवरणों में लेखा मानकों का पालन नहीं किया। यह ऋण जून 2020 तक ₹516 करोड़ तक बढ़ गया था। हालांकि, कंपनी ने महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे कि इस ऋण का गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) के रूप में वर्गीकरण, गारंटी का उपयोग, और बैंक द्वारा संपत्तियों के सांकेतिक अधिग्रहण को स्टॉक एक्सचेंज को सही तरीके से सूचित नहीं किया।
कौन-कौन हुए दंडित?
SEBI ने निम्नलिखित व्यक्तियों और संस्थाओं पर जुर्माना लगाया:
- ₹5 लाख का जुर्माना: डीबी रियल्टी, चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक विनोद कुमार गोयनका, और प्रबंध निदेशक शाहिद बलवा उस्मान।
- ₹2 लाख का जुर्माना: आसिफ यूसुफ बलवा, जयवर्धन विनोद गोयनका, सलीम बलवा उस्मान, सुनीता गोयनका, और नबील यूसुफ पटेल।
इन व्यक्तियों पर वित्तीय विवरणों में महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाने और PBPL की वित्तीय स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगा है।
पिछली नियामकीय कार्रवाइयों से संबंध
यह कार्रवाई डीबी रियल्टी के खिलाफ नियामकीय सख्ती के एक पैटर्न को दर्शाती है। दिसंबर 2024 में, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) ने हरिभक्ति एंड कंपनी LLP के दो लेखा परीक्षकों पर ₹8 लाख का जुर्माना लगाया था। इन लेखा परीक्षकों को वित्त वर्ष 2015-16 में डीबी रियल्टी के ऑडिट के दौरान पेशेवर लापरवाही और पर्याप्त ऑडिट साक्ष्य एकत्र करने में विफलता के लिए दोषी पाया गया था।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
निवेशकों को इस नियामकीय कार्रवाई के प्रति सतर्क रहना चाहिए क्योंकि यह डीबी रियल्टी की पारदर्शिता और कॉर्पोरेट गवर्नेंस में गंभीर कमियों को उजागर करता है। यह जुर्माना दर्शाता है कि वित्तीय रिपोर्टिंग और खुलासे में उच्च मानकों का पालन करना आवश्यक है। इस घटनाक्रम का कंपनी के शेयर प्रदर्शन पर भी प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए निवेशकों को इस पर लगातार नज़र बनाए रखनी चाहिए।