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भारत के अनुसंधान पोत ‘सागर निधि’ पर कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव के तहत वैज्ञानिकों का पहली बार आगमन

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हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव (सीएससी) की अवसंरचना के अंतर्गत महासागर सहयोग से संबंधित लगभग 35 दिनों की अवधि तक चलने वाले एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में, बांग्लादेश और मॉरीशस के वैज्ञानिक संयुक्त महासागर अभियान में भाग लेने के लिए 29 जून, 2023 को भारत के अनुसंधान पोत ‘सागर निधि’ पर सवार हुए।

 

इस अभियान (क्रूज़) का संचालन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) द्वारा किया जाता है । यह कार्यक्रम गत नवंबर 2022 में गोवा और हैदराबाद में आयोजित की गई कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव (सीएससी) के पहले समुद्र विज्ञानी और जलविज्ञानी सम्मेलन का परिणाम है।

इस अभियान की अवधि में वैज्ञानिक समुद्री पर्यावरण में परिवर्तन और समुद्री मापदंडों में भिन्नता के पूर्वानुमानों और उनका प्रबंधन करने के लिए समुद्री डेटा पर सहयोगात्मक रूप से अनुसंधान करेंगे।

 

सागर निधि

 

  • सागर निधि राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा संचालित एक बर्फ से मजबूत बहु-विषयक पोत है।
  • सागर निधि का निर्माण इटली के फिनकैंटिएरी में किया गया है।
  • सागर निधि 104 मीटर लंबा जहाज है।
  • सागर पूर्वी और सागर पश्चिमी के बाद यह भारत का तीसरा अनुसंधान पोत है।

सागर निधि की विशेषताएं

 

  • सागर निधि 104 मीटर लंबी और 18 मीटर चौड़ी है।
  • यह पूरी तरह से स्वचालित डीजल-इलेक्ट्रिक प्रणोदन से संचालित है।
  • इसे 10,00 समुद्री मील तक की दूरी और 45 दिनों तक चलने वाली यात्राओं के लिए नीले पानी की क्षमताओं के साथ डिज़ाइन किया गया है।
  • यह वैज्ञानिकों को समुद्र तल से छह किमी की गहराई तक ले जाने के लिए सबमर्सिबल कैप्सूल लॉन्च करने के लिए सुसज्जित है।

 

सागर निधि का उपयोग

 

  • सागर निधि द्वारा भू-वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान अनुसंधान किया जा सकता है।
  • इसका उपयोग सरकार द्वारा सुनामी निगरानी प्रणाली शुरू करने के लिए किया जाएगा।
  • इसका उपयोग उष्णकटिबंधीय और ध्रुवीय वातावरण सहित समुद्री संचालन के खतरों के अध्ययन के लिए किया जाएगा।

 

कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव

 

  • सीएससी का गठन 2011 में भारत, श्रीलंका और मालदीव के त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह के रूप में किया गया था।
  • सीएससी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की पहली बैठक में चौथे सदस्य के रूप में मॉरीशस का स्वागत किया।
  • बांग्लादेश और सेशेल्स ने पर्यवेक्षकों के रूप में भाग लिया और उन्हें समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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