भारत के बैंकिंग क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी सीमा-पार डील के रूप में, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और सात निजी बैंकों ने मिलकर यस बैंक में अपनी 20% हिस्सेदारी जापान के सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) को ₹13,482 करोड़ में बेच दी है। यह रणनीतिक लेनदेन न केवल भारतीय बैंकिंग में वैश्विक रुचि को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि 2020 के संकट के बाद से यस बैंक ने मजबूत पुनरुत्थान किया है।
क्यों चर्चा में है?
यह हिस्सेदारी बिक्री इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे SMBC जैसी जापान की एक प्रमुख बैंकिंग समूह की भारत के एक निजी बैंक में बड़ी भागीदारी हुई है। यह भारत के बैंकिंग क्षेत्र के वैश्वीकरण और विदेशी निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। यह डील भारत में बैंकिंग क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी अधिग्रहण है।
लेनदेन के मुख्य बिंदु:
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बिक्री गई हिस्सेदारी: 20% (यस बैंक में)
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डील का मूल्य: ₹13,482 करोड़ (लगभग $1.62 बिलियन)
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प्रति शेयर मूल्य: ₹21.50 (मार्केट प्राइस से 18% प्रीमियम)
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यस बैंक का मूल्यांकन: $7.9 बिलियन
हिस्सेदारी बेचने वाले:
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SBI: 13.19% हिस्सेदारी, ₹8,889 करोड़ में
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7 निजी बैंक (HDFC, ICICI, Axis, Kotak Mahindra, Federal, IDFC First, Bandhan): 6.81% हिस्सेदारी, ₹4,594 करोड़ में
डील के बाद शेयरहोल्डिंग:
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SBI: 10.78%
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अन्य 7 बैंक: 2.93%
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SMBC: 20%
पृष्ठभूमि:
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2020 में यस बैंक गंभीर संकट में था; RBI ने बोर्ड को भंग कर प्रशासक नियुक्त किया था।
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SBI ने ₹7,250 करोड़ निवेश कर पुनरुद्धार की अगुवाई की।
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अन्य निजी बैंकों ने भी सहयोग किया।
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पुनर्गठन के बाद SBI की हिस्सेदारी 49% थी।
SMBC का प्रोफाइल:
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SMFG (सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप) की सहायक कंपनी
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जापान का दूसरा सबसे बड़ा बैंकिंग समूह
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SMFG के पास $2 ट्रिलियन की संपत्ति (दिसंबर 2024 तक)
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भारत में SMBC की NBFC शाखा “SMFG इंडिया क्रेडिट” भी संचालित
नियामक प्रावधान:
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भारत में विदेशी निवेश के लिए RBI की मंजूरी आवश्यक
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हिस्सेदारी को 26% से नीचे रखा गया, जिससे SEBI के ओपन ऑफर नियम से बचा जा सके
रणनीतिक महत्व:
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SMBC की भागीदारी से यस बैंक की वैश्विक साख और संचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी
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यह डील भारतीय बैंकिंग सुधारों में अंतरराष्ट्रीय विश्वास का संकेत है
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इससे गवर्नेंस, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और लाभप्रदता में सुधार की उम्मीद