एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। एसबीआई म्यूचुअल फंड के एसेट अंडर मैनेजमेंट ने 10 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा हासिल कर लिया है। वह यह आंकड़ा हासिल करने वाला देश का पहला फंड हाउस बन गया है। म्यूचुअल फंड सेक्टर की दिग्गज कंपनी ने कोविड 19 महामारी के बाद इक्विटी में उछाल को अच्छे तरीके से संभाला है। फंड हाउस को म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट के बारे में बढ़ती जागरूकता से भी लाभ पहुंचा है।
एसबीआई म्यूचुअल फंड एयूएम में आई यह तेजी इक्विटी मार्केट में लगातार आ रही बढ़ोतरी और म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट बेस में इजाफे के चलते आई है। म्यूचुअल फंड एयूएम में तेजी विभिन्न स्कीम में रखे गए एसेट में बढ़ोतरी और फ्रेश इनफ्लो पर निर्भर करती है। एसबीआई म्यूचुअल फंड के डिप्टी एमडी और ज्वॉइंट सीईओ डीपी सिंह ने बताया कि हमारे पक्ष में माहौल बना हुआ है। हम समय-समय पर प्रोडक्ट लाते रहे हैं। पिछले कुछ सालों में हमने देश के अलग-अलग कोनों तक अपनी पहुंच बनाई है। साथ ही अपनी एसआईपी बुक को भी मजबूत किया है।
एयूएम में 2 ट्रिलियन रुपये का योगदान
अप्रैल, 2024 तक एसबीआई का एसबीआई म्यूचुअल फंड के एयूएम में 2 ट्रिलियन रुपये का योगदान था। एयूएम का 5 ट्रिलियन रुपये से अधिक डायरेक्ट प्लांस में था। लगभग 2.2 ट्रिलियन रुपये अन्य डिस्ट्रीब्यूटर्स से जुड़े थे। इंस्टिटूशनल इनवेस्टर्स के पास कुल एयूएम का लगभग 5 ट्रिलियन रुपये था। इसमें से एक बड़ा हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का था। ईपीएफओ ने एसबीआई म्यूचुअल फंड की पैसिव स्कीमों के साथ ही कुछ अन्य फंड हाउस में भी इनवेस्टमेंट किया हुआ है।
टॉप 5 फंड हाउस
देश के टॉप 5 फंड हाउस भी बैंकों द्वारा समर्थित हैं। इनमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ (ICICI Prudential MF), एचडीएफसी एमएफ (HDFC MF), निप्पॉन इंडिया एमएफ (Nippon India MF) और कोटक एमएफ (Kotak MF) भी शामिल हैं। मार्च, 2020 को समाप्त तिमाही तक एसबीआई म्यूचुअल फंड का औसत एयूएम 3.7 ट्रिलियन रुपये था। इसके बाद उसका एयूएम बढ़ता ही गया। इस अवधि के दौरान म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 2.6 गुना बढ़कर 57 ट्रिलियन रुपये हो गया है।