भारत के मीडिया जगत के लिए एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी उपलब्धि के रूप में, वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशरोटी को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) की पहली महिला अध्यक्ष चुना गया है। 14 दिसंबर 2025 को घोषित चुनाव परिणामों ने देश की सबसे प्रभावशाली पत्रकार संस्थाओं में से एक के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा और मीडिया नेतृत्व में कम महिला प्रतिनिधित्व की प्रवृत्ति को बदलने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया चुनाव 2025: प्रमुख बिंदु
पहली महिला अध्यक्ष
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संगीता बरुआ पिशरोटी प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की स्थापना के बाद पहली महिला अध्यक्ष बनीं।
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वे राजनीति और खोजी पत्रकारिता में लंबे अनुभव वाली वरिष्ठ पत्रकार हैं।
क्लीन स्वीप जीत
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उनके पैनल ने 21–0 के अंतर से सभी पदाधिकारी और प्रबंध समिति की सीटें जीतीं।
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मतदान 13 दिसंबर 2025 को हुआ और मतगणना 14 दिसंबर 2025 को की गई।
नव-निर्वाचित पदाधिकारी
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अध्यक्ष: संगीता बरुआ पिशरोटी
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उपाध्यक्ष: जतिन गांधी
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महासचिव: अफ़ज़ल इमाम
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संयुक्त सचिव: पी. आर. सुनील
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कोषाध्यक्ष: अदिति राजपूत (निर्विरोध निर्वाचित)
प्रबंध समिति
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16 सदस्यों की प्रबंध समिति
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विभिन्न मीडिया पृष्ठभूमियों का प्रतिनिधित्व, जिससे संस्था में व्यापक और संतुलित भागीदारी सुनिश्चित होती है।
संगीता बरुआ पिशारोटी कौन हैं?
संगीता बरुआ पिशरोटी एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार हैं, जो—
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राजनीति, शासन, सामाजिक न्याय और सार्वजनिक नीति पर रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती हैं।
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उनकी नियुक्ति प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में लंबे समय से चली आ रही लैंगिक बाधा को तोड़ने का प्रतीक है।
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उनके नेतृत्व में निम्न मुद्दों पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है:
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पत्रकारों के अधिकार
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मीडिया नैतिकता
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पत्रकारों की पेशेवर सुरक्षा
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डिजिटल युग में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा
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प्रेस क्लब ऑफ इंडिया क्या है?
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स्थापना: 1958
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मुख्यालय: नई दिल्ली
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पत्रकारों और मीडिया पेशेवरों की एक प्रमुख संस्था
उद्देश्य
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प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा
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नैतिक और जिम्मेदार पत्रकारिता को बढ़ावा
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मीडिया और नीति-निर्माताओं के बीच संवाद का मंच प्रदान करना
यह चुनाव क्यों महत्वपूर्ण है?
मीडिया नेतृत्व में लैंगिक प्रतिनिधित्व
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मीडिया संस्थानों में लंबे समय से मौजूद ग्लास सीलिंग को तोड़ता है
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संपादकीय और नेतृत्व पदों पर महिलाओं की भागीदारी की आवश्यकता को रेखांकित करता है
प्रेस संस्थाओं को मजबूती
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भारी बहुमत से लोकतांत्रिक चुनाव संस्थागत वैधता को मजबूत करता है
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प्रेस स्वतंत्रता से जुड़ी चुनौतियों के बीच पत्रकार समुदाय में एकजुटता का संकेत
प्रेस स्वतंत्रता के लिए प्रतीकात्मक महत्व
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ऐसे समय में जब मीडिया की स्वतंत्रता, सेंसरशिप और पत्रकार सुरक्षा पर बहस तेज है
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लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में पेशेवर पत्रकार संस्थाओं की भूमिका को सुदृढ़ करता है


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