भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 29 अक्टूबर 2025 को जारी एक ड्राफ्ट सर्कुलर में भारत की अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण प्रणाली (cross-border payments framework) को आधुनिक और तेज़ बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलावों का सुझाव दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, बैंकों को विदेशी मुद्रा बाजार (forex market) के कामकाजी घंटों के दौरान प्राप्त धनराशि को उसी कार्यदिवस (same day) में लाभार्थी के खाते में जमा करना होगा। यदि धनराशि बाजार बंद होने के बाद प्राप्त होती है, तो अगले कार्यदिवस (next business day) में जमा की जाएगी।
मुख्य प्रस्ताव
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सेम-डे क्रेडिट (Same-day Credit): विदेशी प्रेषण जो फॉरेक्स बाजार के कार्य घंटों में आते हैं, उन्हें उसी दिन जमा किया जाए।
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नेक्स्ट-डे क्रेडिट (Next-day Credit): बाजार बंद होने के बाद प्राप्त धनराशि अगले कार्यदिवस में जमा की जाए।
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STP (Straight-Through Processing): बैंकों को पूरी तरह स्वचालित प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है ताकि मानवीय त्रुटियाँ और विलंब कम हों।
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नोस्ट्रो अकाउंट (Nostro Account) मिलान: विदेशी मुद्रा खातों का रीयल-टाइम या अधिकतम 30 मिनट के अंतराल में मिलान किया जाए।
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डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म: ग्राहक दस्तावेज़ अपलोड और लेनदेन ट्रैकिंग के लिए उपयोगकर्ता-अनुकूल ऑनलाइन सुविधाएँ प्रदान की जाएँ।
तेज़ भुगतान का लाभ
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प्रस्तावित व्यवस्था से विदेशी धनराशि प्राप्त करने में देरी समाप्त होगी।
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छात्र, प्रवासी भारतीयों के परिवार और निर्यातक वर्ग को समय पर धन प्राप्त होगा।
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यह कदम व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों प्रकार के लेनदेन को सुचारु बनाएगा।
भारत की वैश्विक वित्तीय प्रतिस्पर्धा में बढ़त
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भुगतान प्रणाली “इंस्टेंट पेमेंट” की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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इन नए नियमों से भारत की बैंकिंग प्रणाली वैश्विक मानकों के अनुरूप होगी।
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यह भारत को एक आधुनिक, पारदर्शी और वित्तीय केंद्र (financial hub) के रूप में मजबूत करेगा।
आर्थिक समावेशन को बढ़ावा
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प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे गए धन पर निर्भर गरीब परिवारों को तत्काल सहायता मिलेगी।
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यह कदम शिक्षा, चिकित्सा और दैनिक जीवन की आवश्यकताओं में बड़ी राहत देगा।
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यह वित्तीय समावेशन (financial inclusion) की दिशा में एक ठोस कदम है।
हितधारकों (Stakeholders) के लिए दिशा-निर्देश
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बैंक: अपनी प्रणालियों का ऑडिट कर सुधार योजनाएँ तैयार करें।
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व्यवसाय: तेज़ भुगतान चक्रों के लिए अपनी वित्तीय प्रणालियों को बैंक इंटरफेस से जोड़ें।
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ग्राहक: ऐसे बैंकों का चयन करें जो डिजिटल ट्रैकिंग और पारदर्शी प्रेषण सेवाएँ प्रदान करते हों।
मुख्य तथ्य
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| प्रस्ताव जारी करने वाली संस्था | भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) |
| ड्राफ्ट सर्कुलर की तिथि | 29 अक्टूबर 2025 |
| मुख्य प्रावधान | सेम-डे और नेक्स्ट-डे क्रेडिट नियम |
| लाभार्थी | विदेशी प्रेषण प्राप्त करने वाले व्यक्ति और व्यवसाय |
| मुख्य उद्देश्य | तेज़, पारदर्शी और विश्वस्तरीय भुगतान प्रणाली स्थापित करना |


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