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सद्भावना दिवस 2023: तारीख, इतिहास और महत्व

सद्भावना दिवस 2023: तारीख, इतिहास और महत्व |_3.1

सद्भावना दिवस, जिसे सद्भाव दिवस के रूप में भी जाना जाता है, भारत में 20 अगस्त को मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है। 20 अगस्त 2023 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 79वीं जयंती है। यह दिन पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के जन्मदिन का जश्न मनाता है, जो एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने भारत की विविध आबादी के बीच राष्ट्रीय एकीकरण, शांति और सार्वजनिक सद्भाव के कारण का समर्थन किया।

सबसे युवा प्रधानमंत्री होने के नाते, राजीव गांधी की विचार प्रक्रिया आधुनिक और दूसरों से अलग थी। उनके पास कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के माध्यम से एक विकसित राष्ट्र का दृष्टिकोण था, जिसे उन्होंने अग्रणी बनाया। सद्भावना दिवस का मुख्य थीम promote national integration and communal harmony को बढ़ावा देना है।

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने 1984-1989 तक पद संभाला और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली और अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से कई प्रगतिशील नीतियों की शुरुआत की। उनकी कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियों में शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति: राजीव गांधी ने उच्च शिक्षा योजनाओं को आधुनिक बनाने और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 1986 में शिक्षा पर एक राष्ट्रीय नीति पेश की।
  • जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली: राजीव गांधी ने 1986 में समाज के ग्रामीण वर्ग के उत्थान के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली नामक एक केंद्र-सरकार-आधारित संस्थान की स्थापना की, जो उन्हें 6 वीं से 12 वीं कक्षा तक मुफ्त आवासीय शिक्षा प्रदान करती है।
  • दूरसंचार विकास: उनके प्रयासों के कारण, एमटीएनएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) की स्थापना 1986 में हुई थी और ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन फैलाने के लिए सार्वजनिक कॉल कार्यालय (पीसीओ) भी बनाए गए थे।
  • आर्थिक सुधार: 1990 के बाद, उन्होंने लाइसेंस राज को कम करने के उपायों की शुरुआत की, जिससे व्यवसायों और व्यक्तियों को पूंजी, उपभोक्ता सामान खरीदने और नौकरशाही प्रतिबंधों का आयात करने की अनुमति मिली।
  • युवा सशक्तिकरण: राजीव गांधी ने मतदान प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मतदान की आयु 18 वर्ष बताई। उन्होंने देश के युवाओं की क्षमता पर जोर दिया और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए जवाहर रोजगार योजना जैसी योजनाएं शुरू कीं।

सद्भावना दिवस का महत्व

सद्भावना दिवस भारत के विकास और प्रगति के लिए राजीव गांधी की आकांक्षाओं की याद दिलाता है। उत्सव विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता, शांति, सहानुभूति और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने पर जोर देता है। इस दिन का केंद्रीय थीम विभिन्न समुदायों के बीच सद्भावना और समझ को बढ़ावा देना, आपसी सम्मान और समन्वय का माहौल बनाना है।

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की स्थापना 1992 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अखिल भारतीय संसदीय आयोग द्वारा पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की याद में की गई थी। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने सद्भाव की भावना को समझने और बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। पुरस्कार विजेताओं को 10 लाख रुपये का पुरस्कार और एक पुरस्कार प्रदान किया जाता है। लता मंगेशकर, शुभा मुद्गल, सुनील दत्त, अमजद अली खान, मोहम्मद अजहरुद्दीन, गोपालकृष्ण गांधी और अन्य पुरस्कार विजेताओं में से हैं।

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