रूसी एस्ट्रोनॉट यानी अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको स्पेस में 1000 दिन पूरा करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बन गए हैं। रूस में एस्ट्रोनॉट को कॉस्मोनॉट कहते हैं। ओलेग ने कुल मिलाकर स्पेस में 1000 दिन पूरा करने का रिकॉर्ड बना लिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड रूसी कॉस्मोनॉट गेनाडी पडाल्का का था। वो 878 दिन स्पेस में थे।
ओलेग ने स्पेस में 1000 दिन अपनी पांचवीं अंतरिक्ष यात्रा में पूरी की है। वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के तीसरी बार कमांडर भी रहे हैं। धरती के चारों तरफ चक्कर लगाते ऑर्बिटल लेबोरेटरी यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर उनकी आखिरी अंतरिक्ष यात्रा 15 सितंबर 2023 को हुई थी। तब उन्हें सोयुज एमस-24 स्पेसक्राफ्ट से स्पेस स्टेशन भेजा गया था।
उनके साथ रूसी कॉस्मोनॉट निकोलाई शुब और नासा एस्ट्रोनॉट लोरल ओहारा गई थीं। अब ओलेग और नासा एस्ट्रोनॉट ट्रेसी डाइसन सितंबर 2024 को वापस धरती पर लौटेंगे। नासा के ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस हेल्थ (TRISH) के पूर्व चीफ इमैन्युएल उरूकिता ने बताया कि ओलेग के विशेष व्यक्ति हैं। जो उन्होंने किया है, वो मील का पत्थर है। ऐसा करना सबके बस की बात नहीं है। अभी तो उन्हें और कुछ महीने स्पेस में बिताने हैं।
उरूकिता अंतरिक्ष में अलग-अलग समय बिताने वाले एस्ट्रोनॉट्स के शरीर का अध्ययन कर रहे हैं। ताकि इन पांच बातों का पता कर सकें… पहला ये कि धरती से लंबी दूरी पर रहने में संचार का कितना असर पड़ता है। रेडिएशन का क्या प्रभाव होता है। अकेले और बंद जगह पर रहने में शरीर और मन पर क्या असर होता है। ग्रैविटी का असर और बंद पर्यावरण में रहने का शरीर पर प्रभाव।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…
भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…
जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…
जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…