भारतीय सेना ने लॉन्च किया नया रुद्र ब्रिगेड

जैसलमेर, राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में भारतीय सेना ने ऑपरेशन अखण्ड प्रहार का सफल आयोजन किया। यह अभ्यास अत्याधुनिक युद्ध तकनीकों, बहुआयामी समन्वय, और नई गठित रुद्र ब्रिगेड की क्षमता को परखने वाला ऐतिहासिक सैन्य अभ्यास साबित हुआ। अत्यधिक चुनौतीपूर्ण युद्ध परिस्थितियों में आयोजित इस ऑपरेशन ने भारत की भविष्य-तैयार सेना की शक्ति को प्रदर्शित किया।

ऑपरेशन अखण्ड प्रहार क्या है?

ऑपरेशन अखण्ड प्रहार भारतीय सेना का एक बहु-क्षेत्रीय (Multi-Domain) युद्धाभ्यास है, जिसका उद्देश्य भूमि, वायु और तकनीकी मोर्चों पर एकसाथ तालमेल बनाकर लड़ाई की क्षमता को प्रमाणित करना है।

यह अभ्यास सदर्न कमांड के तहत और त्रि-सेवा अभ्यास त्रिशूल का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें भारतीय वायुसेना ने भी प्रमुख भूमिका निभाई।

ऑपरेशन की मुख्य विशेषताएँ

1. बहु-क्षेत्रीय समन्वय

  • पैदल सेना, बख्तरबंद वाहनों, मशीनीकृत पैदल सेना और वायु रक्षा इकाइयों का संयुक्त संचालन।

  • ड्रोन, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, एआई और स्वदेशी तकनीकों का रियल-टाइम उपयोग।

2. रुद्र ब्रिगेड की क्षमता का परीक्षण

  • भगवान शिव के रूप ‘रुद्र’ के नाम पर बनी यह नई ब्रिगेड भारत की पहली पूर्णत: एकीकृत ऑल-आर्म्स कॉम्बैट फॉर्मेशन है।

  • ‘प्रचंड’ युद्धाभ्यास में ब्रिगेड ने उच्च-तीव्रता वाले युद्ध में अपनी तेज़ी, ताकत और समन्वय का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।

3. नवाचार और आत्मनिर्भरता (Atmanirbharta)

  • भारत में विकसित सैन्य तकनीकों का बड़े पैमाने पर परीक्षण।

  • स्वदेशी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।

कौन-कौन शामिल था?

  • लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सदर्न कमांड

  • कोणार्क कोर और बैटल ऐक्स डिवीजन

  • भारतीय वायुसेना के साथ उन्नत स्तर का संयुक्त संचालन

रुद्र ब्रिगेड: भारत की नई युग की युद्धक शक्ति

रुद्र ब्रिगेड को इस तरह तैयार किया गया है कि वह भविष्य के युद्धों में बहु-डोमेन क्षमता के साथ तेजी, सटीकता और स्वतंत्रता से काम कर सके।

मुख्य क्षमताएँ

  • यूएवी (ड्रोन), एआई-सक्षम निगरानी और काउंटर-ड्रोन प्रणालियाँ

  • तेज़ तैनाती और प्रिसिजन स्ट्राइक क्षमता

  • किसी भी भूभाग और मिशन पैमाने पर स्वतंत्र अभियान चलाने की योग्यता

आत्मनिर्भर भारत का सैन्य स्वरूप

ऑपरेशन के दौरान जिन स्वदेशी तकनीकों का प्रदर्शन किया गया, उनमें शामिल हैं—

  • स्मार्ट रिकॉनिसेंस ड्रोन

  • रियल-टाइम डेटा शेयरिंग सिस्टम

  • पोर्टेबल एंटी-ड्रोन तकनीक

  • एआई आधारित युद्धक्षेत्र नियंत्रण प्रणाली

यह सब भारत के आत्मनिर्भर भारत रक्षा मिशन को मजबूत करता है।

‘JAI’ मंत्र: जॉइंटनेस – आत्मनिर्भरता – इनोवेशन

ले. जनरल धीरज सेठ ने दक्षिणी कमांड के आधुनिकीकरण को संचालित करने वाले मंत्र को इस प्रकार बताया:

  • J – Jointness (संयुक्तता): तीनों सेनाओं का समन्वित संचालन

  • A – Atmanirbharta (आत्मनिर्भरता): स्वदेशी रक्षा तकनीकों का उपयोग

  • I – Innovation (नवाचार): आधुनिक और अनुकूल युद्ध रणनीतियाँ

यह दर्शन भारत को 21वीं सदी की सैन्य शक्ति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

Static Facts (स्थिर तथ्य)

  • ऑपरेशन का नाम: अखण्ड प्रहार

  • स्थान: जैसलमेर, राजस्थान

  • परीक्षित ब्रिगेड: रुद्र ब्रिगेड (ऑल-आर्म्स इंटीग्रेटेड यूनिट)

  • कमांड: सदर्न कमांड, भारतीय सेना

  • वरिष्ठ अधिकारी: ले. जनरल धीरज सेठ

  • प्रौद्योगिकी: ड्रोन, एआई, काउंटर-ड्रोन सिस्टम

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

2 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

2 hours ago

जयंद्रन वेणुगोपाल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड का चेयरमैन और सीईओ नियुक्त

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 3 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ…

2 hours ago

मेघालय 2025 में शिलांग में क्षेत्रीय AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेज़बानी करेगा

पूर्वोत्तर भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…

3 hours ago

भारत की हेरिटेज फ़ुटफ़ॉल रैंकिंग 2024–25: ताजमहल एक बार फिर विज़िटर चार्ट में सबसे ऊपर

भारत की समृद्ध धरोहर, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विविधता हर वर्ष लाखों यात्रियों को आकर्षित…

17 hours ago