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रोहित शर्मा ने ODI क्रिकेट में सबसे ज़्यादा छक्के लगाकर इतिहास रचा

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज ओपनर रोहित शर्मा ने पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी को पीछे छोड़ते हुए वनडे इतिहास में सबसे अधिक छक्के लगाने वाले खिलाड़ी बनकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह रिकॉर्ड 30 नवंबर 2025 को रांची में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में बना, जिसने उनके शानदार करियर में एक और स्वर्णिम उपलब्धि जोड़ दी। 38 वर्षीय रोहित ने इस उपलब्धि के साथ सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपनी विस्फोटक और निरंतरता वाली बल्लेबाजी की विरासत को और भी मजबूत कर दिया।

रिकॉर्ड-ब्रेकिंग पारी

  • मैच से पहले रोहित के नाम 349 ODI सिक्स थे; उन्हें अफरीदी (351) को पीछे छोड़ने के लिए 3 छक्कों की ज़रूरत थी।

  • 15वें ओवर में दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर प्रेनेलन सब्रायन की लगातार दो गेंदों पर छक्के जड़कर उन्होंने रिकॉर्ड की बराबरी की।

  • इसके तुरंत बाद मार्को हैनसेन की गेंद को डीप स्क्वेयर लेग के ऊपर से भेजकर उन्होंने अपना 352वां ODI सिक्स लगाया और नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।

  • उन्होंने यह उपलब्धि अपनी 60वीं ODI हाफ-सेंचुरी बनाते हुए हासिल की।

  • रोहित 57 रन (50 गेंद) बनाकर आउट हुए, जिसमें पाँच चौके और तीन छक्के शामिल थे।

सांख्यिकीय मुख्य बातें 

  • नया रिकॉर्ड: 352 ODI सिक्स

  • पिछला रिकॉर्ड: 351 (शाहिद अफरीदी)

  • रोहित द्वारा खेले गए ODI: 278

  • ODI पारियाँ: 270

  • ODI हाफ-सेंचुरी: 60

  • करियर अवधि: 2007–वर्तमान

  • उम्र: 38 वर्ष

रोहित ने यह उपलब्धि अफरीदी से 128 मैच कम और काफी कम पारियों में हासिल कर यह दिखाया कि वह आधुनिक क्रिकेट के सबसे कुशल और घातक पावर-हिटर हैं।

रोहित शर्मा की विरासत

“हिटमैन” के नाम से मशहूर रोहित शर्मा की पहचान बनी है—

  • विस्फोटक बल्लेबाजी, खासकर सफेद गेंद क्रिकेट में

  • रिकॉर्ड 3 वनडे डबल सेंचुरी, जिसमें 264 रन का विश्व रिकॉर्ड स्कोर भी शामिल

  • वनडे में 10,000 से अधिक रन

  • 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाली कप्तानी

  • टाइमिंग, पावर और प्लेसमेंट का अनोखा मिश्रण, जिसने उन्हें सिक्स मारने का महारथी बना दिया

उनकी लगातार बाउंड्री मारने की क्षमता ने न सिर्फ भारत को कई जीत दिलाई, बल्कि आधुनिक वनडे में ओपनर की भूमिका को भी नई परिभाषा दी।

रोहित का ODI सफर

  • रोहित ने 2007 में अपना वनडे डेब्यू किया।

  • असली सफलता 2013 के बाद मिली, जब उन्हें नियमित रूप से ओपनिंग में भेजा गया।

  • उन्होंने बड़े मैचों में कई यादगार योगदान दिए और भारत के सर्वश्रेष्ठ सफेद गेंद बल्लेबाजों में शुमार हुए।

  • कप्तानी की जिम्मेदारी छोड़ देने के बाद भी वे ODI क्रिकेट में सक्रिय हैं और मैच-विनिंग पारियाँ जारी रखे हुए हैं।

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