भारत सरकार को शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों यानी अप्रैल-नवंबर अवधि में बजट अनुमान (बीई) का 58.34 फीसदी पहुंच गया। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-नवंबर अवधि के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10.64 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 23.4 फीसदी अधिक है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, रिफंड जारी करने से पहले सकल कर संग्रह अप्रैल-नवंबर अवधि में 17.7 फीसदी बढ़कर 12.67 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक कुल 2.03 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया।
रिफंड जारी करने के लिए विशेष प्रावधान
मंत्रालय ने कहा कि जिन मामलों में रिफंड शुरू में विफल हो गया था, उनके लिए विशेष पहल की गई और बाद में वैध बैंक खातों में रिफंड जारी किया गया। 2022-23 में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इस दौरान अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क) संग्रह 15.38 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा था, सरकार बजट में तय अनुमान 33.61 लाख करोड़ रुपये के कर संग्रह लक्ष्य पर कायम है।
वर्तमान स्थिति
अब तक, प्रत्यक्ष कर संग्रह में लगभग 20% की वृद्धि हुई है, जबकि अप्रत्यक्ष कर में 5% की वृद्धि देखी गई है, जो बजटीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सकारात्मक प्रक्षेपवक्र का संकेत देता है।
परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न: अप्रैल-नवंबर के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह कितना है, और पिछले वर्ष की तुलना में विकास दर क्या है?
उत्तर: अप्रैल-नवंबर के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 10.64 ट्रिलियन रुपये है, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 23.4% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
प्रश्न: यह बजट अनुमान का कितना प्रतिशत दर्शाता है?
उत्तर: यह संग्रह वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान का 58.34% दर्शाता है।
प्रश्न: रिफंड जारी करने से पहले सकल संग्रह क्या है, और कितना रिफंड जारी किया जाता है?
उत्तर: रिफंड से पहले सकल संग्रह 12.67 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया था, और 2.03 ट्रिलियन रुपये की राशि का रिफंड जारी किया गया था।