भारत की खुदरा महंगाई दर (CPI आधारित) अगस्त 2025 में बढ़कर 2.07% हो गई, जो जुलाई 2025 के संशोधित आंकड़े 1.61% से 46 बेसिस प्वाइंट अधिक है। हालांकि वृद्धि हुई है, लेकिन यह दर अभी भी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 4% लक्ष्य से काफी नीचे है। इससे आम परिवारों को राहत और मौद्रिक नीति (Monetary Policy) में ढील बनाए रखने की गुंजाइश मिलती है।
यह आँकड़े सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने जारी किए।
शहरी महंगाई: बढ़कर 2.47% हुई।
ग्रामीण महंगाई: बढ़कर 1.69% हुई।
इसका मतलब है कि शहरी क्षेत्रों में सब्ज़ियाँ, व्यक्तिगत देखभाल और प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थों जैसी वस्तुओं में दाम बढ़ोतरी अधिक रही।
अगस्त 2025 में सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा कि खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) लगातार तीसरे महीने नकारात्मक रहा यानी खाद्य पदार्थ पिछले वर्ष की तुलना में सस्ते रहे।
सर्वभारतीय CFPI: –0.69%
ग्रामीण खाद्य महंगाई: –0.70%
शहरी खाद्य महंगाई: –0.58%
उपभोक्ताओं को खाद्य वस्तुओं में अभी भी राहत मिल रही है।
MoSPI के अनुसार, खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी मुख्य रूप से इन श्रेणियों में दाम बढ़ने से हुई:
सब्ज़ियाँ
मांस और मछली
तेल और वसा
अंडे
व्यक्तिगत देखभाल व अन्य सामान
लक्ष्य: 4% (±2% सहनशीलता बैंड)
वर्तमान दर 2.07%, यानी लक्ष्य से काफी नीचे।
प्रभाव:
परिवारों के लिए राहत – कम महंगाई से क्रय शक्ति बनी रहती है।
आर्थिक वृद्धि के लिए अनुकूल – RBI आवश्यकता पड़ने पर ब्याज दरें नरम रख सकता है।
सतर्कता ज़रूरी – खासकर सब्ज़ियाँ और प्रोटीन से जुड़ी वस्तुएँ, जिनकी कीमतें अचानक बढ़ सकती हैं।
सूचकांक: खुदरा महंगाई (CPI आधारित)
अगस्त 2025: 2.07%
जुलाई 2025 (संशोधित): 1.61%
RBI लक्ष्य: 4% (±2% बैंड)
शहरी महंगाई: 2.47%
ग्रामीण महंगाई: 1.69%
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