भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अर्थशास्त्र, बैंकिंग और वित्त से संबंधित विषयों पर हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। यह पहल भारत में प्रोफेसरों और शिक्षाविदों को हिंदी में किताबें लिखने और अपने ज्ञान को व्यापक दर्शकों के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह योजना उच्च गुणवत्ता वाले हिंदी प्रकाशनों के लिए मान्यता और वित्तीय पुरस्कार प्रदान करती है।
योजना का उद्देश्य:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्थशास्त्र, बैंकिंग और वित्त जैसे विषयों पर हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य है कि देश भर के प्रोफेसर और शिक्षाविद हिंदी में उच्च गुणवत्ता की पुस्तकें लिखें, ताकि आर्थिक ज्ञान अधिक व्यापक रूप से लोगों तक उनकी मातृभाषा में पहुँचे।
पात्रता (कौन आवेदन कर सकता है?):
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कार्यरत या सेवानिवृत्त प्रोफेसर
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सहायक प्रोफेसर / सहयोगी प्रोफेसर
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केवल वे व्यक्ति जो भारत में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों से संबंधित हों
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आवेदक द्वारा हिंदी में अर्थशास्त्र, बैंकिंग या वित्त विषय पर मौलिक पुस्तक लिखी गई हो
प्रमुख नियम व शर्तें:
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पुस्तक हिंदी में मूल रूप से लिखी गई होनी चाहिए (अनुवाद नहीं)
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विषयवस्तु: अर्थशास्त्र, बैंकिंग या वित्त
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न्यूनतम 20 पृष्ठों की हो
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पुस्तक 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच प्रकाशित हुई हो
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आवेदन की अंतिम तिथि: 30 जून 2025
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यदि किसी लेखक को लगातार दो वर्षों तक यह पुरस्कार मिलता है, तो उन्हें एक वर्ष का अंतर लेकर ही पुनः आवेदन करना होगा
पुरस्कार राशि:
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हर वर्ष तीन सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को चुना जाएगा
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प्रत्येक विजेता को मिलेगा ₹1,25,000 का पुरस्कार
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यह पुरस्कार लेखकों के योगदान को सम्मानित करता है और हिंदी में वित्तीय साहित्य को प्रोत्साहन देता है
मूल्यांकन प्रक्रिया:
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60% अंक — विषयवस्तु की गुणवत्ता
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40% अंक — भाषा और लेखन शैली
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मूल्यांकन के लिए गठित समिति में होंगे:
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दो विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर (अर्थशास्त्र/बैंकिंग/वित्त से)
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एक हिंदी साहित्य/भाषाविज्ञान के प्रोफेसर
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भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारी
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योजना का महत्व:
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हिंदी में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देता है
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क्षेत्रीय भाषाओं में शैक्षणिक सामग्री की उपलब्धता को बढ़ाता है
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आर्थिक ज्ञान को समावेशी और सुलभ बनाता है
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भाषा और अर्थशास्त्र के बीच सेतु का कार्य करता है, जिससे आम नागरिक भी जटिल विषयों को आसानी से समझ सके
संबंधित विकास:
जून 2025 में, RBI ने म्यूचुअल फंड और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के विदेशी दायित्व एवं संपत्ति (FLA) पर 2024-25 के लिए अपनी वार्षिक सर्वेक्षण प्रक्रिया भी शुरू की। यह दर्शाता है कि RBI हिंदी लेखन को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ वित्तीय आँकड़ों के संकलन और विश्लेषण में भी सक्रिय बना हुआ है।