दिल्ली में ‘कर्तव्य पथ’ पर 74वें गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर अपने राज्य की कला और संस्कृति का प्रदर्शन करने वाली उत्तराखंड की झांकी ने प्रथम पुरस्कार जीता है। इस जीत पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है। पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है। इसके अतिरिक्त तीनों सेनाओं में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल का अवार्ड पंजाब रेजिमेंट ने जीता। साथ ही सीआरपीएफ को ‘CAPFs और अन्य सहायक बलों के बीच सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी’ का अवार्ड दिया गया।
The tableau of Uttarakhand at Kartavya Path during #RepublicDay parade 2023 wins best tableau award. The tableau showcased the glimpses of Manaskhand. @DIPR_UK @pushkardhami @LtGenGurmit @ukcmo @DDnews_dehradun @airnews_ddn @PIB_India pic.twitter.com/UmtBH1q3Gv
— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) January 30, 2023
उत्तराखंड की झांकी में क्या था खास
उत्तराखंड की झांकी में गढ़वाल की चारधाम यात्रा, कुमाऊं में मंदिर माला मिशन, प्रसिद्ध पौराणिक जागेश्वर धाम आदि को दिखाया गया था। साथ ही साथ उत्तराखंड के प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क,उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग आदि को भी शामिल किया गया था। उत्तराखंड के प्रसिद्ध पक्षी तीतर, घुघुती, चकोर, मोनाल आदि का भी झांकी में स्थान दिया गया था।
उत्तराखंड की झांकी का थीम
74वें गणतंत्र दिवस परेड में शामिल उत्तराखंड की झांकी का थीम मंदिर माला मिशन के अंतर्गत ‘मानसखंड’ था जिसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाया था। दिल्ली कैंट में झांकी के निर्माण के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका निरीक्षण किया था साथ ही राज्य की संस्कृति के अनुरुप निर्माण के निर्देश भी दिए थे।
झांकी का थीम सांग ‘जय हो कुमाऊं, जय हो गढ़वाला’ को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था। उसको सौरभ मैठाणी और साथियों ने सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया निवासी देहरादून थे।