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राष्‍ट्र में देशभक्ति और उत्‍साह के साथ मनाया गया 71वां गणतंत्र दिवस

राष्‍ट्र में देशभक्ति और उत्‍साह के साथ मनाया गया 71वां गणतंत्र दिवस |_3.1
देश में 71 वां गणतंत्र दिवस राजपथ, नई दिल्ली में आयोजित भव्य सैन्य परेड और देश के इतिहास, सांस्‍कृतिक विविधता और सामरिक शक्ति को दर्शाने वाली प्रदर्शनी के साथ मनाया गया। भारत का गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को देशभर में मनाया जाता है, जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर जवान ज्योति के स्थान पर राष्ट्रीय समर स्मारक पर देश की खातिर अपना जीवन बलिदान करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि देकर की। इस अवसर पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराया गया और राष्‍ट्रीय गान गाया गया तथा 21 तोपों की सलामी दी गई।
 71 वें गणतंत्र दिवस से जुड़े महतवपूर्ण तथ्य
  • इस वर्ष के ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर मैसियास बोलसोनारो गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे।
  • पहली बार, CRPF की महिला बाइकर्स की टुकड़ी ने साहसी करतब दिखायें।
  • परेड में पहली बार जम्मू और कश्मीर ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में हिस्सा लिया।
  • मेघालय की झांकी में राज्य के प्रमुख पर्यटक आकर्षण स्थल डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज को दर्शाया गया है।
  • तेलंगाना ने अपने पुष्प उत्सव बटुकम्मा की सुन्दर झाकी प्रस्तुत की।
  • गुजरात की झांकी रानी की वाव – जल मंदिर, के विषय पर प्रस्तुत की गई जो प्राचीन भारतीय स्थापत्य शैली, निर्माण कार्य और शिल्प कौशल का एक अनूठा उदाहारण है।
  • वायु सेना ने राफेल विमान, तेजस विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, आकाश मिसाइल सिस्टम और एस्ट्रा मिसाइल के मॉडल प्रदर्शित किए गए।
  • परेड में सुखोई और नई तकनीक से लैस हल्के लड़ाकू विमान के साथ हाल ही में शामिल हुए चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों प्रमुख आकर्षण का केंद्र थे।
  • इनके अलावा सैटेलाइट-रोधी आयुध: मिशन शक्ति, सेना का युद्धक टैंक भीष्म को भी परेड में दिखाया गया था।


भारत में क्यों मनाया जाता हैं गणतंत्र दिवस ?

भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ था। स्वतंत्रता के बाद भी देश के पास अपना संविधान नहीं था। संविधान लागू होने से पहले के देश में भारत सरकार अधिनियम 1935 लागू था। स्थायी संविधान और स्वयं की शासन निकाय की आवश्यकता को महसूस करते हुए, भारत सरकार ने 28 अगस्त 1947 को एक समिति का गठन किया जिसका अध्यक्ष डॉ. बीआर अंबेडकर को चुना गया।
लगभग 3 वर्षों के मंथन के बाद संसद के 308 सदस्यों ने कई परामर्शों और कुछ संशोधनों के बाद अंततः 24 जनवरी 1950 को संविधान पर हस्ताक्षर किए, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। तब से ही भारत में उस दिन हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

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