Categories: Schemes

निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट (RoDTEP) की योजना 30 जून 2024 तक बढ़ा

निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट की योजना (RoDTEP), जिसे शुरुआत में 30 सितंबर 2023 तक अधिसूचित किया गया था, मौज़ूदा निर्यात वस्तुओं पर लागू समान दरों के साथ 30 जून 2024 तक बढ़ा दी गई है। निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट की योजना (RoDTEP) भारत के निर्यातकों को समर्थन देने में एक महत्त्वपूर्ण घटक के रूप में उभरी है।
यह मौज़ूदा निर्यात प्रोत्साहन योजना, मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया (MEIS) की जगह 1 जनवरी, 2021 को प्रारंभ हो गई।

यह परिवर्तन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के फैसले से प्रेरित था, जिसने वस्तुओं के व्यापक स्पेक्ट्रम के लिये निर्यात सब्सिडी के प्रावधान के कारण MEIS योजना के WTO नियमों के उल्लंघन का निर्धारण किया था। योजना के तहत छूट निर्यात के FOB (फ्रेट ऑन बोर्ड) मूल्य के अनुमत प्रतिशत के आधार पर दी जाती है और हस्तांतरणीय शुल्क क्रेडिट/इलेक्ट्रॉनिक स्क्रिप (ई-स्क्रिप) के रूप में जारी की जाती है, जिसका विवरण केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा एक डिजिटल बहीखाते में रखा जाता है। RoDTEP समिति राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करती है। इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी RoDTEP योजना के तहत विभिन्न निर्यात क्षेत्रों के लिये अधिकतम दरों की समीक्षा और सिफारिश करना है।

 

इस योजना का उद्देश्य

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य निर्यातित उत्पादों के उत्पादन और वितरण के दौरान लगने वाले शुल्कों एवं करों में छूट देकर निर्यातकों को व्यापक सहायता प्रदान करना है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि RoDTEP केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तरों पर करों, शुल्कों तथा लेवी को शामिल करता है, जिन्हें किसी अन्य मौजूदा तंत्र के माध्यम से वापस नहीं किया जाता है।

 

इस योजना का वित्तीय आवंटन

वित्तीय वर्ष 2023-24 में, भारत सरकार ने RoDTEP योजना का समर्थन करने के लिये 15,070 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। समिति ने हाल ही में निर्यात संवर्धन परिषदों (EPC) और चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के साथ जुड़कर अपनी गतिविधियाँ शुरू की हैं।

फ्रेट ऑन बोर्ड क्या है?

फ्रेट ऑन बोर्ड या फ्री ऑन बोर्ड (FOB) एक शिपमेंट शब्द है जो आपूर्ति शृंखला में उस बिंदु को परिभाषित करता है जब कोई खरीदार या विक्रेता परिवहन की जा रही वस्तु के लिये उत्तरदायी हो जाता है। खरीदारों और विक्रेताओं के बीच खरीद आदेश FOB शर्तों को निर्दिष्ट करते हैं तथा स्वामित्व, जोखिम एवं परिवहन लागत निर्धारित करने में सहायता करते हैं। “FOB ओरिजिन” का अर्थ है कि खरीदार शिपमेंट बिंदु पर वस्तु का शीर्षक स्वीकार करता है और विक्रेता द्वारा उत्पाद भेजने के बाद सभी प्रकार के जोखिम लेता है। यदि पारगमन के दौरान सामान क्षतिग्रस्त हो जाता है या खो जाता है तो खरीदार उसका ज़िम्मेदार होता है।

Find More News Related to Schemes & Committees

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

आर्यना सबालेंका ने मियामी ओपन 2025 जीता

विश्व की नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी आर्यना सबालेंका ने मियामी ओपन 2025 का खिताब जीतकर…

1 hour ago

प्रसिद्ध इतिहासकार मायना स्वामी ‘उगादि पुरस्कार’ से सम्मानित

आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद मायना स्वामी को ऐतिहासिक अनुसंधान और सामाजिक…

1 hour ago

उत्कल दिवस: ओडिशा स्थापना दिवस

उत्कल दिवस, जिसे ओडिशा दिवस या विश्व मिलन के रूप में भी जाना जाता है,…

1 hour ago

आपदा राहत ऑपरेशन को मजबूत करेगा ‘टाइगर ट्रायम्फ- 25

भारत और अमेरिका के बीच चतुर्थ "टाइगर ट्रायम्फ" अभ्यास, जो एक त्रि-सेवा मानवीय सहायता और…

2 hours ago

मनरेगा न्यूनतम मजदूरी 2025-26 बढ़ी: विस्तृत विश्लेषण

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना…

3 hours ago

भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मार्च 2025 को म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग…

4 hours ago