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आरईसी ने नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण श्रेणी में स्कॉच ईएसजी पुरस्कार जीता

आरईसी ने नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण श्रेणी में स्कॉच ईएसजी पुरस्कार जीता |_3.1

विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और एक अग्रणी गैर बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड को ‘नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण’ श्रेणी में स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार टिकाऊ वित्तपोषण, हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया को तेज करने की दिशा में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के समर्पण को दर्शाता है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक टी.एस.सी. बोश को यह पुरस्कार नई दिल्ली में प्रदान किया गया।

 

स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में आरईसी का योगदान

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) भारत के स्वच्छ ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण कंपनी के रूप में उभरी है, जो देश के स्थायी भविष्य में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने विभिन्न पहलों और उपलब्धियों के माध्यम से कई टिकाऊ परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है और हरित परियोजनाओं के लिए विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

 

ग्रीन प्रोजेक्ट डेवलपर्स के साथ जुड़ाव

इसके अलावा, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने सौर, पवन, पंप भंडारण परियोजनाओं, ई-मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण, हरित अमोनिया और हरित हाइड्रोजन तथा बैटरी भंडारण जैसे क्षेत्रों से जुड़ी हरित परियोजनाओं के विभिन्न डेवलपर्स के साथ आपस में चर्चा की है।

 

नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में अनुमानित वृद्धि

भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) को अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में एक महत्वपूर्ण विस्तार की संभावना है। अनुमानों के अनुसार इसके वर्तमान मूल्य की तुलना में 10 गुना वृद्धि होगी। वर्ष 2030 तक यह 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच जाएगी, जो प्रबंधन के अंतर्गत इसकी संपत्ति का लगभग 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।

 

SKOCH ESG पुरस्कार और मान्यता

स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) पुरस्कार उन संगठनों को मान्यता प्रदान करते हैं जो पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) प्रथाओं में उत्कृष्ट कार्य का प्रदर्शन करते हैं। स्कॉच पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) पुरस्कार और मूल्यांकन भारत वर्ष 2047 के लिए संगठनों की प्रतिबद्धता के मूल्यांकन के लिए एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है। यह एक स्थायी और बढ़ते व्यावसायिक भविष्य को आकार देने में स्थायी निवेश और प्रक्रियाओं के बीच परस्पर क्रिया पर केंद्रित है।

 

आरईसी लिमिटेड के बारे में

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एक ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है, और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), और अवसंरचना वित्तीय कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) पूरे विद्युत अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित करता है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजना, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाओं जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने हाल ही में गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता प्रदान की है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, सूचना प्रौद्योगिकी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य, इस्पात और रिफाइनरी जैसे अन्य क्षेत्र शामिल हैं।

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचागत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करता है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में हर एक क्षेत्र में वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया तथा शत-प्रतिशत गांव का विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण किया गया। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए कुछ राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) की ऋण खाता बही 4.97 लाख करोड़ रुपये और कुल परिसंपत्ति 64,787 करोड़ रुपये है।