भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारत की वित्तीय विनियामक प्रणाली को आधुनिक, प्रभावी और हितधारक–अनुकूल बनाए रखने के लिए एक रेगुलेटरी रिव्यू सेल (Regulatory Review Cell – RRC) की स्थापना की है। यह सेल मौजूदा विनियमों की व्यवस्थित और चरणबद्ध समीक्षा हर 5 से 7 वर्ष में करेगी। यह पहल 1 अक्तूबर 2025 से शुरू होगी। साथ ही, बाहरी विशेषज्ञों से युक्त एक स्वतंत्र एडवाइजरी ग्रुप ऑन रेगुलेशन (Advisory Group on Regulation – AGR) भी गठित किया गया है।
रेगुलेटरी रिव्यू सेल (RRC) क्या है?
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यह RBI के विनियमन विभाग (Department of Regulation) के अंतर्गत कार्य करेगा।
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प्रमुख उद्देश्य:
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सभी मौजूदा नियमों की चरणबद्ध समीक्षा।
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बाज़ार परिस्थितियों, तकनीकी प्रगति और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप नियमों को ढालना।
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नियमों को सरल, संगत और प्रासंगिक बनाए रखना।
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इससे भारत एक मजबूत और सुविनियमित वित्तीय बाज़ार के रूप में स्थापित होगा।
एडवाइजरी ग्रुप ऑन रेगुलेशन (AGR)
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हितधारकों के सुझावों और उद्योग की ज़रूरतों को शामिल करने के लिए गठित।
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विशेषताएँ:
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बैंकिंग और वित्त क्षेत्र के बाहरी विशेषज्ञ शामिल।
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आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त सदस्यों को जोड़ा जा सकता है।
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प्रारंभिक कार्यकाल: 3 वर्ष (प्रदर्शन की समीक्षा के बाद 2 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है)।
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RRC के साथ मिलकर कार्य करेगा।
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AGR के सदस्य
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राणा अशुतोष कुमार सिंह – प्रबंध निदेशक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया → अध्यक्ष
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टी. टी. श्रीनिवासाराघवन – पूर्व MD एवं निदेशक, सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड → सदस्य
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गौतम ठाकुर – अध्यक्ष, सरस्वत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड → सदस्य
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श्याम श्रीनिवासन – पूर्व MD एवं CEO, फेडरल बैंक लिमिटेड → सदस्य
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रवि दुब्बुरु – पूर्व CCO, जन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड → सदस्य
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एन. एस. कन्नन – पूर्व MD एवं CEO, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस → सदस्य
महत्व
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पुराने और अप्रासंगिक नियमों को हटाकर विनियामक अव्यवस्था कम होगी।
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वित्तीय विनियमों में पारदर्शिता और पूर्वानुमेयता बढ़ेगी।
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Ease of Doing Business में सुधार होगा।
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RBI की नीतियाँ अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी।
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जनविश्वास और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता में वृद्धि।
वैश्विक संदर्भ
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यूके, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों के केंद्रीय बैंक भी समय-समय पर ऐसे ही नियामक समीक्षाएँ करते हैं ताकि वित्तीय परिदृश्य के अनुरूप बने रहें।
स्थिर तथ्य
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पहल का नाम: रेगुलेटरी रिव्यू सेल (RRC)
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शुरू करने वाला संस्थान: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
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प्रभावी तिथि: 1 अक्तूबर 2025
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समीक्षा अंतराल: हर 5–7 वर्ष
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सलाहकार निकाय: एडवाइजरी ग्रुप ऑन रेगुलेशन (AGR)


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