जारी एक सर्कुलर में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी पक्षों को – कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारी करने वालों को छोड़कर – 1 अक्टूबर, 2022 तक सभी पहले से संग्रहीत कार्ड-ऑन-फाइल (CoF) डेटा को हटाने का निर्देश दिया। आपको बता दें कि कार्ड टोकनाइजेशन (Card Tokenization) प्रणाली के तहत बैंकों को यह डेटा ट्रांजेक्शन के तुरंत बाद डिलीट करना पड़ जाता था। एक्वायरिंग बैंक उन्हें कहा जाता है जो दुकानदार के खाते में ग्राहक की ओर से पैसा जमा करते हैं।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
IBPS PO Notification 2022 Out: Click Here to Download PDF
कार्ड इश्यूर बैंक क्या है?
आपको बता दें कि ग्राहक के खाते से पैसा काटने वाले बैंक को इश्यूर बैंक कहा जाता है। कार्ड इश्यूर और कार्ड नेटवर्क के अलावा एक ट्रांजेक्शन के पूरा होने की प्रक्रिया में व्यापारी और पेमेंट एग्रीगेटर भी शामिल होते हैं। इस तरह से अन्य 2 इकाइयां भी कार्ड का डेटा सेव कर सकेंगी. इसकी अधिकतम अवधि 4 दिन होगी।
कार्ड टोकनाइजेशन क्या है?
टोकनाइजेशन का मतलब है कि कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन के लिए एक यूनिक अल्टरनेट कोड यानी टोकन जनरेट किया जाता है। ये टोकन ग्राहक की जानकारी का खुलासा किए बिना पेमेंट करने की अनुमति देंगे। टोकनाइजेशन सिस्टम का मकसद ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को रोकना है।
1 अक्टूबर से बदलेगा नियम
अगर ग्राहकों ने कार्ड टोकनाइजेशन के लिए सहमति नहीं दी, तो उन्हें हर बार ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू यानी सीवीवी (CVV) दर्ज करने के बजाए अपने सभी कार्ड विवरण नाम, कार्ड नंबर और कार्ड की वैलिडिटी दर्ज करनी होगी। वहीं, कार्ड टोकनाइजेशन की अनुमति देने के बाद ट्रांजेक्शन के समय उन्हें केवल सीवीवी और ओटीपी (OTP) डालना होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बारे में याद रखने योग्य बातें:
- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर: शक्तिकांत दास
- भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्यालय: मुंबई
- आरबीआई की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1935 के तहत की गई थी।
Latest Notifications:
|
|
Shipping Corporation of India Recruitment 2022 |
|
|
|
|