बाजार में तरलता और परिचालन लचीलेपन को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घोषणा की है कि 1 जुलाई 2025 से कॉल मनी मार्केट का समय दो घंटे बढ़ाकर शाम 7 बजे तक कर दिया जाएगा। आरबीआई ने एक विशेषज्ञ कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर वित्तीय बाजार के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अपनी व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में 1 अगस्त 2025 से बाजार रेपो और ट्राई-पार्टी रेपो (टीआरईपी) खंडों के लिए कारोबारी घंटे बढ़ाने का भी फैसला किया है।
क्यों है यह खबरों में?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 25 जून 2025 को एक अहम घोषणा में बताया कि कॉल मनी मार्केट की ट्रेडिंग टाइमिंग अब दो घंटे बढ़ाकर शाम 7 बजे तक की जाएगी। यह बदलाव 1 जुलाई 2025 से लागू होगा। इसके अलावा, मार्केट रेपो और ट्राई-पार्टी रेपो (TREP) के समय को भी 1 अगस्त 2025 से बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय राधा श्याम राठौ की अध्यक्षता वाली कार्यसमूह की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।
कॉल मनी मार्केट क्या है?
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यह एक बिना जमानत (uncollateralised) वाला बाजार है।
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इसमें बैंक और स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलर (SPDs) एक रात के लिए उधार लेते और देते हैं।
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यह शॉर्ट-टर्म लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए बेहद जरूरी होता है।
संशोधित समय-सारणी
बाजार का नाम | वर्तमान समय | नया समय | लागू तिथि |
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कॉल मनी मार्केट | सुबह 9:00 से शाम 5:00 | सुबह 9:00 से शाम 7:00 | 1 जुलाई 2025 |
मार्केट रेपो | सुबह 9:00 से दोपहर 2:30 | सुबह 9:00 से शाम 4:00 | 1 अगस्त 2025 |
ट्राई-पार्टी रेपो (TREP) | सुबह 9:00 से दोपहर 3:00 | सुबह 9:00 से शाम 4:00 | 1 अगस्त 2025 |
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ऑपरेशनल लचीलापन (flexibility) बढ़ाना
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तरलता समायोजन सुविधा (LAF) में सुधार
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वैश्विक मानकों के अनुरूप ट्रेडिंग समय लाना
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बैंकों और डीलरों को बेहतर जोखिम प्रबंधन और ट्रेडिंग सुविधा देना
किस पर होगा लागू?
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कॉल मनी मार्केट (बिना जमानत)
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मार्केट रेपो और TREP (जमानत आधारित)
यह बदलाव इन बाजारों पर लागू नहीं होगा:
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सरकारी प्रतिभूतियां
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विदेशी मुद्रा बाजार
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ब्याज दर डेरिवेटिव्स
पृष्ठभूमि
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RBI ने राधा श्याम राठौ की अध्यक्षता में एक कार्यसमूह बनाया था।
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इस समूह ने बाजार सहभागियों से सुझाव लेकर रिपोर्ट तैयार की।
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उसी के आधार पर यह समय विस्तार का निर्णय लिया गया।
निष्कर्ष:
यह कदम भारत के वित्तीय बाजारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी और अधिक प्रतिक्रियाशील बनाएगा। इससे तरलता प्रबंधन, बाजार की गहराई, और बैंकों की कार्यकुशलता में सुधार होने की उम्मीद है।