मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 56वीं बैठक 4-6 अगस्त, 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. पूनम गुप्ता और डॉ. राजीव रंजन भी उपस्थित थे।
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 56वीं बैठक
दिनांक: 4 से 6 अगस्त, 2025
स्थान: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
अध्यक्षता: गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा द्वारा
अन्य सदस्य:
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डॉ. नागेश कुमार
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श्री सौगाता भट्टाचार्य
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प्रो. राम सिंह
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डॉ. पूनम गुप्ता
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डॉ. राजीव रंजन
मुख्य निर्णय
रेपो दर को 5.50% पर स्थिर रखा गया।
अन्य प्रमुख दरें:
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स्टैंडिंग डिपॉज़िट फैसिलिटी (SDF): 5.25%
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मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट: 5.75%
निर्णय का उद्देश्य
यह निर्णय RBI के दोहरे लक्ष्य को संतुलित करता है:
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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति को 4% ±2% के दायरे में बनाए रखना
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आर्थिक वृद्धि को समर्थन देना
भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति (2025–26) का विस्तृत विश्लेषण – वृद्धि और मुद्रास्फीति परिदृश्य
वैश्विक परिदृश्य
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IMF द्वारा वृद्धि अनुमानों में संशोधन के बावजूद वैश्विक आर्थिक वृद्धि धीमी बनी हुई है।
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डिसइंफ्लेशन (मुद्रास्फीति में गिरावट) की रफ्तार कम हो गई है और कुछ विकसित देशों में मुद्रास्फीति में फिर से वृद्धि देखी जा रही है।
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व्यापारिक तनाव, टैरिफ बदलाव, और नीति अनिश्चितताएं चिंता के विषय हैं।
घरेलू अर्थव्यवस्था
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आर्थिक वृद्धि लचीली बनी हुई है।
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निजी खपत (विशेषकर ग्रामीण मांग) और स्थिर पूंजी निवेश में मजबूती दिखाई दे रही है, जिसे सरकार के मजबूत पूंजीगत व्यय से समर्थन मिल रहा है।
कृषि क्षेत्र:
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दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहा और खरीफ बुवाई अच्छी रही।
सेवा क्षेत्र:
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निर्माण और व्यापार के नेतृत्व में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
औद्योगिक क्षेत्र:
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वृद्धि असमान है — बिजली और खनन क्षेत्र पीछे हैं।
GDP वृद्धि अनुमान (2025–26): 6.5%
| तिमाही | अनुमानित वृद्धि दर |
|---|---|
| Q1 | 6.5% |
| Q2 | 6.7% |
| Q3 | 6.6% |
| Q4 | 6.3% |
| Q1 2026–27 | 6.6% |
वर्तमान स्थिति (जून 2025):
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CPI मुद्रास्फीति: 2.1% (पिछले 77 महीनों में सबसे कम) — लगातार आठवीं बार गिरावट।
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खाद्य मुद्रास्फीति: -0.2% (ऋणात्मक) — फरवरी 2019 के बाद पहली बार।
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कोर मुद्रास्फीति: बढ़कर 4.4% — मुख्यतः सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण।
2025–26 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान: 3.1%
| तिमाही | अनुमानित CPI मुद्रास्फीति |
|---|---|
| Q2 | 2.1% |
| Q3 | 3.1% |
| Q4 | 4.4% |
| Q1 2026–27 | 4.9% |
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मौसम संबंधित झटके (फसल उत्पादन पर असर)
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वैश्विक अनिश्चितताएं और व्यापार विवाद
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बाद की तिमाहियों में नीतिगत उपायों से उत्पन्न मांग दबाव
रेपो दर को यथावत रखने का कारण
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मुद्रास्फीति नियंत्रण:
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फिलहाल लक्ष्य से नीचे है, पर वर्ष के अंत तक 4% से ऊपर जाने की संभावना है।
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आर्थिक वृद्धि स्थिर:
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GDP वृद्धि अनुमान 6.5% पर स्थिर है।
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पिछली कटौतियों का असर:
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फरवरी 2025 से अब तक 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की जा चुकी है — इनके पूर्ण प्रभाव की प्रतीक्षा की जा रही है।
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वैश्विक अनिश्चितताएं:
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व्यापार और पूंजी प्रवाह पर टैरिफ तनाव का प्रभाव संभव।
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तटस्थ मौद्रिक रुख (Neutral Stance):
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MPC आगे के निर्णय डेटा आधारित मूल्यांकन के आधार पर लेगी।
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परीक्षा की दृष्टि से प्रमुख बिंदु
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रेपो रेट: 5.50% (बिना बदलाव)
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GDP वृद्धि (2025–26): 6.5%
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CPI मुद्रास्फीति (2025–26): 3.1% (Q4 में 4% से ऊपर जाने की संभावना)
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दर में बदलाव नहीं: पूर्व की कटौतियों का प्रभाव समय के साथ दिखेगा; मुद्रास्फीति में फिर से वृद्धि संभव
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प्रमुख जोखिम: मौसम, वैश्विक व्यापार तनाव, आयात/निर्यात में बाधा
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अगली MPC बैठक: 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2025


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