RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए FPI निवेश सीमा अपरिवर्तित रखी

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) की सीमा में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। अपरिवर्तित सीमा – केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों के लिए 6%, राज्य ऋणों के लिए 2% और कॉर्पोरेट बॉन्ड के लिए 15% हैं।

3 अप्रैल, 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की कि वह वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड में मौजूदा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) निवेश सीमा को बरकरार रखेगा। इन अपरिवर्तित सीमाओं में केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (G-Sec) के लिए 6%, राज्य विकास ऋण (SDL) के लिए 2% और कॉर्पोरेट बॉन्ड के लिए 15% शामिल हैं। यह कदम एक स्थिर निवेश वातावरण को दर्शाता है और भारत के ऋण बाजारों में विदेशी निवेशकों के लिए पूर्वानुमान प्रदान करता है।

मुख्य बातें

RBI द्वारा निवेश सीमा बरकरार रखी गई (वित्त वर्ष 26)

  • सरकारी प्रतिभूतियाँ (G-Sec): बकाया स्टॉक का 6%
  • राज्य विकास ऋण (एसडीएल): बकाया स्टॉक का 2%
  • कॉर्पोरेट बांड: बकाया स्टॉक का 15%

समय अवधि और निवेश सीमाएँ

  • अप्रैल – सितंबर 2025
  • G-Sec: ₹2.79 ट्रिलियन (~$32.71 बिलियन)
  • कॉर्पोरेट बांड: ₹8.22 ट्रिलियन

अक्टूबर 2025 – मार्च 2026

  • G-Sec: ₹2.89 ट्रिलियन
  • कॉर्पोरेट बांड: ₹8.80 ट्रिलियन

FPI द्वारा उपयोग (अप्रैल 2025 तक)

  • सरकारी बांड: उपयोग की गई सीमा का 22.3%
  • कॉर्पोरेट बांड: उपयोग की गई सीमा का 15.7%

निहितार्थ

  • इस कदम से निरंतरता और बाजार स्थिरता सुनिश्चित होती है।
  • यह विदेशी निवेशकों को स्पष्ट सीमाओं के साथ अपने बांड निवेश की बेहतर योजना बनाने की अनुमति देता है।
  • संकेत यह है कि भारत इस वित्तीय वर्ष में विदेशी संस्थाओं के लिए अपनी ऋण पहुंच नीतियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं कर रहा है।

यह क्यों मायने रखती है

  • ये सीमाएं पूंजी प्रवाह को निर्देशित करती हैं, बांड प्रतिफल को प्रभावित करती हैं, तथा भारत की समग्र विदेशी निवेश नीति का हिस्सा हैं।
  • स्थिर सीमाएं बाजार की अस्थिरता को कम करती हैं और वैश्विक निवेशकों को विश्वास का संकेत भेजती हैं।
सारांश/स्थैतिक विवरण
चर्चा में क्यों? RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए FPI निवेश सीमा अपरिवर्तित रखी
सरकारी प्रतिभूतियाँ (जी-सेक) निवेश सीमा: बकाया स्टॉक का 6%
एसडीएल (राज्य सरकार प्रतिभूतियां) निवेश सीमा: बकाया स्टॉक का 2%
कॉरपोरेट बॉन्ड निवेश सीमा: बकाया स्टॉक का 15%
G-Sec सीमा (अप्रैल-सितंबर 2025) ₹2.79 ट्रिलियन (~$32.71 बिलियन)
G-Sec सीमा (अक्टूबर-मार्च 2026) ₹2.89 ट्रिलियन
कॉर्पोरेट बॉन्ड सीमा (अप्रैल-सितंबर 2025) ₹8.22 ट्रिलियन
कॉर्पोरेट बॉन्ड सीमा (अक्टूबर-मार्च 2026) ₹8.80 ट्रिलियन
उपयोग (अप्रैल 2025 तक) G-Sec: 22.3%, कॉर्पोरेट बांड: 15.7%
पॉलिसी स्थिति वित्त वर्ष 2025-26 के लिए निवेश सीमा अपरिवर्तित रखी गई
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Sanjeev Kumar

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