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आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंक के लिए 4 स्तरीय नियामक मानदंडों को लागू किया

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भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने 1 दिसंबर 2022 को भारत में शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए एक चार स्तरीय संरचना को अधिसूचित किया है। इससे पहले भारत में यूसीबी को आरबीआई द्वारा दो श्रेणियों में विभाजित किया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के मुद्दों की जांच के लिए,पूर्व डिप्टी गवर्नर, रिजर्व बैंक, श्री एन एस विश्वनाथन, की अध्यक्षता में 15 फरवरी, 2021 को शहरी सहकारी बैंकों पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।

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इस समिति को शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में विभिनमुद्दों की जांच करने के लिए, और इसके विनियमन और पर्यवेक्षण को मजबूत करने के लिए उपयुक्त परिवर्तनों का सुझाव देना के लिए गठित किया गया था।आरबीआई ने अब भारत में शहरी सहकारी बैंकों को बैंक में जमा राशि के आधार पर चार स्तरों में वर्गीकृत किया है।

 

  • टियर 1: वे शहरी सहकारी बैंक जो या एक ही जिले में संचालित हैं या जिसकी निकटवर्ती जिलों में भी शाखाएं हैं और उसमे 100 करोड़ रुपये तक की जमा राशि हो।
  • टियर 2: वे शहरी सहकारी बैंक जिसमे 100 करोड़ रुपये से अधिक और 1000 करोड़ रुपये तक की जमा राशि हो ।
  • टियर 3: वे शहरी सहकारी बैंक जिसमे 1000 करोड़ रुपये से अधिक और 10,000 करोड़ रुपये तक की जमा राशि हो।
  • टियर 4: वे शहरी सहकारी बैंक जिसमे 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हो।

 

प्राथमिक शहरी सहकारी बैंक क्या है?

 

प्राथमिक सहकारी बैंक, जिन्हें शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के नाम से जाना जाता है, या तो संबंधित राज्य के राज्य सहकारी समिति अधिनियम या बहु राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत सहकारी समितियों के रूप में पंजीकृत हैं।

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