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RBI ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए WMA की सीमा 47,010 करोड़ रुपये तय की

 

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रिजर्व बैंक ने आर्थिक परिदृश्य में सुधार का हवाला देते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वेज़ और मीन्स एडवांस (Ways and Means Advances – WMA) को शुक्रवार को 51,560 करोड़ रुपये से घटाकर 47,010 करोड़ रुपये कर दिया है। WMA, आरबीआई द्वारा सरकार को प्राप्तियों और भुगतानों के बीच किसी भी विसंगति से निपटने में मदद करने के लिए प्रदान किए गए अल्पकालिक ऋण हैं।

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प्रमुख बिंदु:

  • COVID-19 को लेकर अनिश्चितता के कारण, RBI ने सभी राज्यों के लिए WMA की सीमा बढ़ाकर 51,560 करोड़ रुपये कर दी। नया WMA 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी था।
  • आरबीआई ने कहा कि राज्य सरकारों को वेज़ और मीन्स एडवांस पर सलाहकार समिति द्वारा अनुशंसित तथा सीमाओं की समीक्षा और COVID-19 प्रतिबंधों में धीरे-धीरे दी जा रही ढील के आलोक में राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ओवर ड्राफ्ट (ओडी) की डब्लूएमए सीमाओं और समय सीमा को वापस करने का निर्णय किया है।
  • आरबीआई (एटीबी) के अनुसार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उपयोग की जाने वाली विशेष आहरण सुविधा (एसडीएफ) भारत सरकार द्वारा जारी की गई बिक्री योग्य प्रतिभूतियों की राशि से जुड़ी रहेगी, जैसे नीलामी खजाना बिल
  • एसडीएफ, डब्लूएमए और ओडी पर ब्याज दर रिजर्व बैंक की नीति दर, रेपो दर से जुड़ी रहेगी।
  • केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि अग्रिम बकाया होने वाले सभी दिनों के लिए ब्याज लिया जाएगा।
  • वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही के लिए भारत सरकार की WMA सीमा 1,50,000 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।

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