भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एचडीएफसी बैंक और श्रीराम फाइनेंस पर नियामकीय नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया है। 11 जुलाई 2025 को आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक पर ₹4.88 लाख और श्रीराम फाइनेंस पर ₹2.70 लाख का जुर्माना लगाया। इन दंडों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी वित्तीय संस्थान निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें और पारदर्शिता बनाए रखें।
जुर्माने की वजहें
एचडीएफसी बैंक पर विदेशी निवेश से संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया। यह उल्लंघन उस समय हुआ जब बैंक ने अपने एक ग्राहक को टर्म लोन (मियादी ऋण) प्रदान किया। जांच में पता चला कि बैंक ने इस तरह के लेनदेन के लिए तय मानकों का पालन नहीं किया।
वहीं, श्रीराम फाइनेंस पर डिजिटल लेंडिंग मानदंडों के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया। यह मामला 31 मार्च 2024 की वित्तीय स्थिति के आधार पर की गई नियमित जांच के दौरान सामने आया। आरबीआई ने पाया कि कंपनी ने ऋण चुकौती की राशि उन खातों के माध्यम से प्राप्त की जो निर्धारित नियमों के अनुरूप नहीं थे।
आरबीआई का रुख और निगरानी नीति
भारत के केंद्रीय बैंक के रूप में, आरबीआई लगातार वित्तीय क्षेत्र की निगरानी करता है ताकि प्रणाली में स्थिरता और सुरक्षा बनी रहे। यह जुर्माना जिम्मेदार बैंकिंग व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में आरबीआई के प्रयासों का हिस्सा है।
हालांकि इन उल्लंघनों से दोनों संस्थानों की वित्तीय मजबूती पर कोई गंभीर सवाल नहीं उठता, फिर भी आरबीआई ने स्पष्ट किया कि ऐसी कार्रवाइयों से अनुशासन बना रहता है और भविष्य में नियमों के उल्लंघन की संभावना कम होती है।