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RBI ने बैंक स्तर पर शुरू की कार्ड टोकन सुविधा

RBI ने बैंक स्तर पर शुरू की कार्ड टोकन सुविधा |_3.1

आरबीआई ने बैंकों व अन्य संस्थानों के स्तर पर ‘कार्ड-ऑन-फाइल’ (सीओएफ) टोकन सुविधा शुरू की है। इसकी मदद से ग्राहक अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का टोकन बनाकर उसे विभिन्न ई-कॉमर्स एप के खातों से जोड़ सकेंगे। साथ ही, कार्ड का वास्तविक विवरण दिए बिना ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। व्यवस्था लागू होने से डाटा चोरी व वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव हो सकेगा।

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के ग्राहकों को यूपीआई क्यूआर कोड से सीधे अपना अंशदान जमा करने की अनुमति दे दी। इसका मकसद अंशदान प्रक्रिया को सरल बनाना है। नई व्यवस्था के तहत ग्राहक अपने अंशदान को स्थानांतरित करने के लिए यूपीआई क्यूआर कोड का उपयोग करेंगे।

 

सीओएफटी का कार्यान्वयन

केंद्रीय बैंक ने सितंबर 2021 में सीओएफटी की शुरुआत की, और इसका कार्यान्वयन 1 अक्टूबर, 2022 को शुरू हुआ। अक्टूबर की मौद्रिक नीति में, आरबीआई ने सीधे जारीकर्ता बैंक स्तर पर सीओएफ टोकन निर्माण सुविधाओं की शुरूआत का प्रस्ताव रखा। इस उपाय का उद्देश्य कार्डधारकों के लिए प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है, जिससे उन्हें एक एकीकृत प्रक्रिया के माध्यम से कई व्यापारी साइटों के लिए अपने कार्ड को टोकन देने की अनुमति मिल सके।

 

मुख्य बिंदु

  • सीओएफटी की शुरुआत के बाद से 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के साथ 56 करोड़ से अधिक टोकन बनाए गए हैं।
  • टोकनाइजेशन ने लेनदेन सुरक्षा और अनुमोदन दरों में उल्लेखनीय सुधार प्रदर्शित किया है।
  • आरबीआई कार्ड जारीकर्ताओं के माध्यम से सीओएफटी के लिए आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करता है, एएफए (प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक) सत्यापन पर जोर देता है।
  • कार्डधारक स्पष्ट ग्राहक सहमति सुनिश्चित करते हुए मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग चैनलों के माध्यम से टोकननाइजेशन शुरू कर सकते हैं।
  • व्यापारियों की एक विस्तृत सूची, जिनके लिए टोकननाइजेशन सेवाएं उपलब्ध हैं, कार्ड जारीकर्ता द्वारा प्रदान की जाती है।
  • कार्डधारक लचीलेपन और नियंत्रण को बढ़ाने, टोकनाइजेशन के लिए पसंदीदा व्यापारियों को चुन सकता है।
  • टोकन जारी करना कार्ड नेटवर्क, जारीकर्ता या दोनों के संयोजन द्वारा निष्पादित किया जा सकता है।

 

प्रभाव एवं लाभ

जारीकर्ता बैंक स्तर पर सीओएफटी की प्रत्यक्ष सक्षमता उपयोगकर्ता अनुभव को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए तैयार है, जो कार्डधारकों को विभिन्न ई-कॉमर्स अनुप्रयोगों में टोकन प्रबंधित करने का एक सहज और सुरक्षित साधन प्रदान करती है।

 

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FAQs

RBI का राष्ट्रीयकरण कब किया गया?

केंद्रीय बैंक की स्थापना पहली बार वर्ष 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत की गई थी। भारत की आजादी के बाद 1 जनवरी 1949 को RBI का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था।