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रिजर्व बैंक ने FPI के लिए बांड में निवेश के नियमों को उदार किया


भारतीय रिजर्व बैंक ने अधिक विदेशी निवेश आर्किषत करने के उद्देश्य से ऋणपत्र या बांड, विशेषकर बड़ी निजी कंपनियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए निवेश नियम आसान कर दिया है. इससे एक तरफ रुपए की गिरावट को थामने में मदद मिलेगी तथा कॉरपोरेट बांड की हालिया गिरावट से भी उबरने में मदद मिलेगी.

एफपीआई को सरकारी बॉन्ड, ट्रेजरी बिल, राज्य विकास ऋण और कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसे विभिन्न ऋण बाजार उपकरणों में निवेश करने की अनुमति है, लेकिन कुछ सीमाओं और प्रतिबंधों के साथ. रिजर्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआई के लिए निवेश की सीमा उस सरकारी प्रतिभूति के बचे शेयरों के 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी है. एफपीआई को सरकारी बांड में तीन साल की न्यूनतम अवशिष्ट परिपक्वता के साथ निवेश करने की इजाजत थी. 

स्रोत-दि इकॉनोमिक टाइम्स

SBI PO/Clerk परीक्षा 2018 के लिए मुख्य तथ्य-
  • उर्जित पटेल- आरबीआई के 24 वें राज्यपाल, मुख्यालय- मुंबई, 1 अप्रैल 1935 को कोलकाता में स्थापित किया गया.
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