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RBI ने बदले KYC के नियम, किसी भी शाखा या वीडियो से अपडेट करा सकेंगे केवाईसी

ग्राहक सुविधा और वित्तीय समावेशन में सुधार लाने के उद्देश्य से एक प्रमुख कदम उठाते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 12 जून, 2025 को अपने ग्राहक को जानें (KYC) मानदंडों को आसान बनाने के लिए एक परिपत्र जारी किया। केंद्रीय बैंक ने अब व्यवसाय संवाददाताओं (BC) को KYC जानकारी अपडेट करने की अनुमति दे दी है और ऑनबोर्डिंग और सूचना अद्यतन दोनों के लिए एक वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP) शुरू की है। ये कदम विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी ग्राहकों के लिए प्रासंगिक हैं जिनके खाते अक्सर पुराने KYC विवरण के कारण निष्क्रिय हो जाते हैं।

क्यों चर्चा में है?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 12 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण परिपत्र जारी किया, जिसमें Know Your Customer (KYC) प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। इस कदम का उद्देश्य विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में उन ग्राहकों को लाभ पहुंचाना है जिनके खाते अद्यतन KYC जानकारी के अभाव में निष्क्रिय हो जाते हैं।

मुख्य बिंदु:

  • KYC अपडेट की समय-सीमा:
    ‘निम्न जोखिम’ (low risk) वाले ग्राहकों के लिए KYC अपडेट की अंतिम तिथि जून 2026 तक या निर्धारित तिथि के एक वर्ष के भीतर—जो भी बाद में हो—पूरा करना अनिवार्य है।

  • वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP):
    अब ग्राहक वीडियो के माध्यम से अपना KYC अपडेट कर सकते हैं, जिससे डिजिटल पहुंच और सुविधा में वृद्धि होगी।

  • बिजनेस करेस्पॉन्डेंट्स (BCs) को अधिकृत किया गया:
    बैंक अब Business Correspondents (BCs) को ग्राहक का KYC अपडेट करने की अनुमति दे सकते हैं, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में KYC प्रक्रिया सुगम होगी।

  • निष्क्रिय खातों पर विशेष ध्यान:
    ऐसे जमे हुए या निष्क्रिय खातों को अब इन सरल प्रक्रियाओं के माध्यम से पुनः सक्रिय किया जा सकता है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में KYC कैंप:
    बैंकों को सलाह दी गई है कि वे पिछड़े क्षेत्रों में KYC अपडेट की प्रक्रिया को तेज करने के लिए विशेष आउटरीच शिविर आयोजित करें।

पृष्ठभूमि एवं संदर्भ:

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए कई खाते KYC अद्यतन न होने की वजह से निष्क्रिय हो गए थे, जिससे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) में बाधा आई।

  • पहले KYC अपडेट के लिए भौतिक बैंक शाखाओं में जाना अनिवार्य था, जिससे ग्रामीण ग्राहकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

  • यह पहल डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन के लक्ष्यों के अनुरूप है।

महत्त्व:

  • ग्राहक खाता खोलने और पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया अब आसान हो गई है।

  • सरकारी योजनाओं के तहत लाभों का वितरण अधिक सहज होगा।

  • बैंकिंग सेवाओं की पहुँच बढ़ेगी और ग्राहकों को अनावश्यक बाधाओं से छुटकारा मिलेगा।

  • तकनीक के माध्यम से वित्तीय सेवाओं में समावेशन की खाई को पाटने में मदद मिलेगी।

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