भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 22 सितंबर 2025 को दिल्ली स्थित Datta Finance and Trading Pvt. Ltd. (एनबीएफसी) का Certificate of Registration (CoR) रद्द कर दिया है। यह कदम कंपनी की डिजिटल लेंडिंग गतिविधियों में नियम उल्लंघन के चलते उठाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आरबीआई तेजी से बढ़ते डिजिटल लेंडिंग सेक्टर में नैतिकता और अनुपालन को लेकर सख्त है।
आरबीआई के अनुसार, कंपनी ने आउटसोर्सिंग कोड ऑफ कंडक्ट और डिजिटल लेंडिंग गाइडलाइंस का उल्लंघन किया। कंपनी ने कई मूलभूत कार्य तीसरे पक्ष को सौंप दिए थे, जैसे–
ग्राहक सोर्सिंग
ड्यू डिलिजेंस और केवाईसी सत्यापन
ऋण वितरण और सेवा
ऋण वसूली प्रक्रिया
ये कार्य सीधे एनबीएफसी की जिम्मेदारी होते हैं, जिन्हें पूरी तरह आउटसोर्स करना नियमों का उल्लंघन है।
डेट्टा फाइनेंस की संदिग्ध डिजिटल लेंडिंग गतिविधियाँ इन ऐप्स के ज़रिए चल रही थीं–
KinCash (ज़ेस्ट टॉप वन टेक्नोलॉजी प्रा. लि. द्वारा संचालित)
DoLoan (ज़ेस्ट टॉप वन टेक्नोलॉजी प्रा. लि. द्वारा संचालित)
ZestCash (डेट्टा फाइनेंस का इन-हाउस प्लेटफ़ॉर्म)
इन ऐप्स पर ऋण सेवा तो मिल रही थी, लेकिन निर्णय लेने और नियंत्रण की प्रक्रिया ढीली थी, जिससे उपभोक्ता संरक्षण और डेटा सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे।
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि एनबीएफसी :
कोर निर्णय प्रक्रियाओं का आउटसोर्सिंग नहीं कर सकते
ग्राहक बातचीत और पारदर्शिता की जिम्मेदारी खुद निभानी होगी
टेक्नोलॉजी मदद ले सकते हैं, लेकिन निगरानी और नियंत्रण उन्हीं के पास रहना चाहिए
यह कार्रवाई फिनटेक और एनबीएफसी को संदेश देती है कि नियम उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द तक किया जा सकता है।
डेट्टा फाइनेंस अब एनबीएफसी के रूप में कार्य नहीं कर पाएगी।
ऋण देना, वितरित करना या वसूली करना अब वर्जित है।
इसके मौजूदा कारोबार को या तो बंद करना होगा या ट्रांसफर करना होगा।
KinCash, DoLoan और ZestCash ऐप उपयोगकर्ताओं को सेवाओं में बाधा आ सकती है।
ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि किसी विवाद या जबरन वसूली की स्थिति में आरबीआई से संपर्क करें या कानूनी सहायता लें।
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