भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की है कि ‘सिंगल-ब्लॉक-एंड-मल्टीपल-डेबिट’ की अनुमति देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन के दायरे का विस्तार किया जाएगा। साथ ही भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) का दायरा अब व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए आवर्ती और गैर-आवर्ती, दोनों भुगतानों को संभालने के लिए विस्तारित किया जाएगा। हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) अगले छह महीनों में यूपीआई और बीबीपीएस के लिए इन बदलावों को लागू करेगा। गवर्नर द्वारा 7 दिसंबर 2022 को घोषित मौद्रिक नीति के हिस्से के रूप में इनकी घोषणा की गई थी।
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मुख्य बिंदु
- यूपीआई में वर्तमान में आवर्ती के साथ-साथ सिंगल-ब्लॉक-और-सिंगल-डेबिट लेनदेन के लिए भुगतान अधिदेश को संसाधित करने की कार्यक्षमता शामिल है। नई सुविधा ग्राहक को विशिष्ट उद्देश्यों के लिए अपने खाते में धनराशि ब्लॉक करने में सक्षम बनाएगी, जिसे जरूरत पड़ने पर डेबिट किया जा सकता है।
- इसका मतलब है कि ग्राहक अब अपनी सहमति देकर किसी खास उद्देश्य या मर्चेंट को एक निश्चित राशि आवंटित कर सकते हैं। भविष्य के लेन-देन के लिए, प्रमाणीकरण की अतिरिक्त आवश्यकता के बिना व्यापारी द्वारा पैसा डेबिट किया जा सकता है, जिससे भुगतान तेजी से होता है।
- पिछले एक साल में, आरबीआई ने ऑफलाइन मोड के साथ-साथ फीचर फोन के माध्यम से लेन-देन की अनुमति देने के लिए यूपीआई के दायरे का विस्तार किया। इस साल जून में, आरबीआई ने रूपे (RuPay) क्रेडिट कार्ड को यूपीआईसे जोड़ने की अनुमति दी थी।
- इसके अलावा, आरबीआई ने यह भी कहा कि भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) का दायरा अब व्यवसायों और व्यक्तियों दोनों के लिए आवर्ती और गैर-आवर्ती दोनों भुगतानों को संभालने के लिए विस्तारित किया जाएगा।
- वर्तमान में, बीबीपीएस व्यापारियों और उपयोगिताओं के लिए आवर्ती बिल भुगतान (जैसे फीस, पानी बिल, टेलीफोन बिल इत्यादि) को संभालता है और गैर-आवर्ती बिलों को पूरा नहीं करता है।