भारतीय गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र (NBFC) के लिए एक अहम विकास में, एक्सिस बैंक के पूर्व ग्रुप एक्जीक्यूटिव रवि नारायणन को SMFG इंडिया क्रेडिट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया है। यह कदम सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप (SMFG) द्वारा 2021 में फुलर्टन इंडिया क्रेडिट के अधिग्रहण के बाद से सबसे बड़ा नेतृत्व परिवर्तन माना जा रहा है।
SMFG इंडिया क्रेडिट में नेतृत्व पुनर्गठन
रवि नारायणन की नियुक्ति को SMFG इंडिया क्रेडिट के अधिग्रहण के बाद का पहला बड़ा नेतृत्व बदलाव माना जा रहा है। नारायणन ने पहले एक्सिस बैंक में खुदरा देनदारियां, शाखा बैंकिंग और उत्पादों का नेतृत्व किया है, जिससे उन्हें भारत के रिटेल बैंकिंग क्षेत्र में व्यापक अनुभव प्राप्त है।
हालांकि कंपनी की ओर से अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार नारायणन अंतरिम नेतृत्व समिति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले पदभार संभालेंगे। इससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी अब केवल फुलर्टन की पुरानी नेतृत्व टीम पर निर्भर नहीं रहेगी।
पृष्ठभूमि: SMFG का अधिग्रहण और परिवर्तन
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नवंबर 2021 में SMFG ने फुलर्टन इंडिया क्रेडिट में 74.9% हिस्सेदारी खरीदी थी।
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मई 2024 में इस हिस्सेदारी को बढ़ाकर 100% कर लिया गया, जिससे इसका पूर्ण अधिग्रहण पूरा हुआ।
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अधिग्रहण के बाद तत्कालीन एमडी और सीईओ शांतनु मित्रा को उनकी पुरानी नेतृत्व टीम के साथ पुनः नियुक्त किया गया।
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जून 2025 में शांतनु मित्रा के इस्तीफे के बाद 90 दिनों के लिए तीन सदस्यीय अंतरिम कार्यकारी समिति बनाई गई थी, जो संचालन देख रही थी।
रवि नारायणन की नियुक्ति का महत्व
रवि नारायणन, जिनका फुलर्टन इंडिया क्रेडिट से पहले कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं रहा, की नियुक्ति SMFG की नई रणनीतिक दिशा को दर्शाती है। यह पहली बार है कि कंपनी ने शीर्ष कार्यकारी पद के लिए किसी बाहरी उम्मीदवार को चुना है।
उद्योग विशेषज्ञ इसे SMFG-प्रधान संचालन मॉडल की ओर बदलाव के रूप में देख रहे हैं, जिसका उद्देश्य बेहतर एकीकरण और दीर्घकालिक विकास है।


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