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छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में मिला दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़

छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में मिला दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़ |_3.1

छत्तीसगढ़ के बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पराली बोडल गाँव में केले के बागान में ‘पेंटेड बैट’ के नाम से जाने वाला एक ‘दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़’ देखा गया है। इस पेंटेड बैट का वैज्ञानिक नाम ‘केरीवौला पिक्टा’ है। इस प्रजाति को वैश्विक स्तर पर विलुप्तप्राय की श्रेणी में रखा गया है। यह प्रजाति आमतौर पर बांग्लादेश, ब्रुनेई, बर्मा, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है।

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भारत में यह चमगादड़ अब तक पश्चिमी घाट, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की कांगेर घाटी में देखा गया है। पेंटेडे बैट की विशेषता चमकीले नारंगी और काले पंख, पीठ पर घने नारंगी फर और नीचे गर्म बफ है। भारत में चमगादड़ों की लगभग 131 प्रजातियां हैं और उनमें से 31 देश के मध्य भागों में पाई जाती हैं।  कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को चमगादड़ों की विभिन्न प्रजातियों का घर कहा जाता है।

 

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

 

  • कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1982 में की गयी थी।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से लिया गया है यह पार्क छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है जो लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
  • इसकी उच्च जैव विविधता के कारण इसे बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया गया है।
  • राष्ट्रीय उद्यान अपनी चूना पत्थर की गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है जो चमगादड़ों के लिए एक उपयुक्त आवास भी प्रदान करता है।

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