राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू क्षेत्र में आने वाले राजपथ का नाम बदल कर कर्तव्य पथ रखने का प्रस्ताव पास हो गया। यह प्रस्ताव, नई दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की एक बैठक में पास हुआ। सरकार ने घोषणा किया है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्टेच्यू से राष्ट्रपति भवन तक की सड़क ‘कर्तव्य पथ’ कहलाएगी। गौरतलब है कि 15 अगस्त को अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने गुलामी की सोच से मुक्ति का नारा दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि गुलामी की सोच ने कई विकृतियां पैदा कर रखी हैं, इसलिए गुलामी की सोच से मुक्ति पानी ही होगी।
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इतिहास
- तीसरी बार राजपथ का नाम बदला गया है. ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे (Kingsway) हुआ करता था। आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ कर दिया गया, जो किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है। अब इसका नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया।
- साल 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई, तो नई राजधानी को डिजाइन करने का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया। साल 1920 में राजपथ बनकर तैयार हुआ था। तब इसे किंग्सवे यानी ‘राजा का रास्ता’ कहा जाता था।
- साल 1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक सड़क बनाई गई थी, जिसका नाम किंग्सवे रखा गया था। उन्हीं के सम्मान में दिल्ली में जो सड़क बनाई गई, उसका नाम भी किंग्सवे रखा गया। जॉर्ज पंचम साल 1911 में दिल्ली आए थे, जहां उन्होंने नई राजधानी की घोषणा की थी।
- बता दें आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ रखा गया। हालांकि, ये किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था। 75 सालों से राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड हो रही है। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ रखने का फैसला लिया है।