रेल बजट 2024-25: रिकॉर्ड आवंटन और मुख्य विशेषताएं

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सरकार ने रेलवे के लिए रिकॉर्ड 2,62,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय आवंटित किया है। 2024-25 के दौरान रेलवे के लिए सकल बजटीय सहायता 2,52,200 करोड़ रुपये है। इससे पहले, 2023-24 में सकल बजटीय सहायता 2,40,200 करोड़ रुपये थी, जो 2013-14 में केवल 28,174 करोड़ रुपये था।

आर्थिक लचीलापन और समावेशी विकास

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था आज पहले की तुलना में अधिक सहनीय और मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि आज की अर्थव्यवस्था कल्याण, राजकोषीय विवेक, पूंजी निवेश और विनिर्माण में निवेश का एक संयोजन है। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी विकास पर केंद्रित आर्थिक नीतियों की निरंतरता के रूप में है, जो पिछले दस वर्षों में इस सरकार का मुख्य आधार रही है।

माल ढुलाई और राजस्व वृद्धि

पूंजीगत व्यय के परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1588 मीट्रिक टन का अभूतपूर्व सर्वाधिक माल लदान हासिल किया है, जो 2014-15 में 1095 मीट्रिक टन था और रेलवे 2030 तक 3,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। रेलवे ने 2023-24 में 2,56,093 करोड़ रुपये की सर्वकालिक सर्वाधिक कुल प्राप्तियां हासिल कीं और पूंजीगत व्यय के पूरक के लिए 3,260 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व का सृजन किया।

बुनियादी ढांचे का विकास

रेलवे ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। पिछले 10 वर्षों में, रेलवे ने 31,180 ट्रैक किलोमीटर चालू किए। ट्रैक बिछाने की गति 2014-15 में 4 किमी प्रति दिन से बढ़कर 2023-24 में 14.54 किमी प्रति दिन हो गई। 2014-2024 के दौरान, भारतीय रेलवे ने 41,655 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है, जबकि 2014 तक केवल 21,413 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया था।

सुरक्षा और औद्योगिक विकास

इस वर्ष के बजट में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने हेतु अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है। इस धनराशि से महत्‍वपूर्ण बिंदुओं पर औद्योगिक क्लस्टर: विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे पर कोप्पार्थी, आंध्र प्रदेश में हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे पर ओर्वाकल और बिहार में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर गया– के विकास हेतु आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में सहायता की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य भारत के पूर्वी क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करना है।

नई पहल और गलियारे

रेलवे ने बुनियादी ढांचे के विकास हेतु नया दृष्टिकोण अपनाया है। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को सक्षम बनाने के लिए पीएम गति शक्ति मिशन के तहत तीन आर्थिक रेलवे गिलयारों –

  • ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारा (192 परियोजनाएं)।
  • बंदरगाह कनेक्टिविटी गलियारा (42 परियोजनाएं)।
  • उच्च यातायात घनत्व गलियारा (200 परियोजनाएं)।

 

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत और अमेरिका ऊर्जा सहयोग बढ़ाने पर विचार

भारत और अमेरिका ने ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में अपने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने की…

13 hours ago

बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2030 तक…

14 hours ago

केंद्र ने प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स से ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों को पंजीकृत करने को कहा

भारत सरकार ने अनिवार्य कर दिया है कि प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर खुद को और अपने गिग…

15 hours ago

अगस्त में थोक मुद्रास्फीति घटकर 1.31 प्रतिशत पर

थोक मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई के 2.04 प्रतिशत की तुलना में अगस्त में घटकर 1.31 प्रतिशत…

17 hours ago

देश का निर्यात अगस्त में 9.3 प्रतिशत घटा, व्यापार घाटा 10 महीनों के उच्च स्तर पर

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण अगस्त में देश के निर्यात में 13 महीनों की सबसे…

18 hours ago

हरियाणा ने जीडीपी में पंजाब को पीछे छोड़ा

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी- पीएम) के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)…

18 hours ago