सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों (PSGIC) ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग ₹1.06 लाख करोड़ का प्रीमियम एकत्र करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में ₹80,000 करोड़ से अधिक है। यह विकास सामान्य बीमा क्षेत्र की मजबूत रिकवरी और वृद्धि को दर्शाता है, जिसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन फर्मों के प्रमुखों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक में बीमा पैठ, प्रीमियम घनत्व और किए गए दावों के अनुपात जैसे प्रमुख प्रदर्शन मेट्रिक्स की समीक्षा की।
समाचार में क्यों?
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों (PSGICs) के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इसका उद्देश्य क्षेत्र की वित्तीय स्थिति, विकास की संभावनाओं, और चुनौतियों का आकलन करना था। यह बैठक उस समय हुई जब PSGICs ने प्रीमियम संग्रह और लाभप्रदता में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है, साथ ही AI और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
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प्रीमियम संग्रह (वित्त वर्ष 2024–25):
सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों (PSGICs) द्वारा ₹1.06 लाख करोड़, जबकि वित्त वर्ष 2018–19 में यह ₹80,000 करोड़ था।
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कुल सामान्य बीमा प्रीमियम (उद्योग स्तर पर, FY25):
₹3.07 लाख करोड़
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बीमा प्रसार (Insurance Penetration – भारत):
अब भी कम – GDP का केवल 1%
(वैश्विक औसत 2023 में 4.2%)
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बीमा घनत्व (Insurance Density):
2019 में $9 से बढ़कर 2023 में $25 हो गया है।
समीक्षा बैठक का विवरण
समीक्षित प्रदर्शन मापदंड
लाभप्रदता में बदलाव
सभी सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियाँ (PSGICs) अब पुनः लाभ में आ चुकी हैं:
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ओरिएंटल इंश्योरेंस (OICL): FY24 की चौथी तिमाही से लाभ में
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नेशनल इंश्योरेंस (NICL): FY25 की दूसरी तिमाही में लाभ में लौटी
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यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस (UIICL): 7 वर्षों के बाद FY25 की तीसरी तिमाही में लाभ अर्जित किया
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न्यू इंडिया एश्योरेंस (NIACL): लगातार लाभ में बनी हुई है, और बाज़ार की अग्रणी कंपनी है
स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की स्थिति
डिजिटल परिवर्तन की दिशा में पहल
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