वित्त वर्ष 2024–25 (FY25) में भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने कुल ₹1.78 लाख करोड़ का अभूतपूर्व लाभ दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26% की वृद्धि है। यह उपलब्धि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नेतृत्व में हासिल हुई, जिसने अकेले ₹70,901 करोड़ (कुल लाभ का 40% से अधिक) का योगदान दिया। यह बदलाव उन वर्षों की तुलना में बेहद महत्वपूर्ण है जब PSBs भारी नुकसान में थे।
मुख्य विशेषताएँ
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FY25 में कुल लाभ: ₹1.78 लाख करोड़
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FY24 की तुलना में वृद्धि: 26%
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SBI का लाभ: ₹70,901 करोड़ (कुल का 40% से अधिक)
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सबसे अधिक प्रतिशत वृद्धि: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) – 102%
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पलटाव: FY18 में ₹85,390 करोड़ का संयुक्त घाटा, FY25 में ₹1.78 लाख करोड़ का लाभ
प्रमुख बैंक-वार लाभ वृद्धि (FY25):
बैंक का नाम | लाभ (₹ करोड़) | प्रतिशत वृद्धि |
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पंजाब नेशनल बैंक (PNB) | ₹16,630 | ↑ 102% |
पंजाब एंड सिंध बैंक | ₹1,016 | ↑ 71% |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | ₹3,785 | ↑ 48.4% |
यूको बैंक | ₹2,445 | ↑ 47.8% |
बैंक ऑफ इंडिया | ₹9,219 | ↑ 45.9% |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | ₹5,520 | ↑ 36.1% |
इंडियन बैंक | ₹10,918 | ↑ 35.4% |
पृष्ठभूमि एवं सरकारी पहल
बैंकिंग सुधार रणनीति – 4R मॉडल:
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NPA की पहचान (Recognising NPAs)
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समाधान और वसूली (Resolution & Recovery)
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पुनर्पूंजीकरण (Recapitalisation)
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सुधार (Reforms)
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पुनर्पूंजीकरण राशि (FY17–FY21): ₹3.11 लाख करोड़
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महत्वपूर्ण सुधार:
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बैंक विलय (Bank amalgamation)
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डिजिटल बैंकिंग को अपनाना
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ऋण अनुशासन में सुधार
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शासन प्रणाली को मजबूत करना
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प्रमुख योगदानकर्ता:
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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वित्तीय सेवा सचिव (राजीव कुमार सहित)
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