Home   »   प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के...

प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में जिला न्यायाधीशों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़, विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

डाक टिकट का महत्व

यह डाक टिकट भारत की न्यायिक प्रणाली में सर्वोच्च न्यायालय की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करता है, जिसकी स्थापना 28 जनवरी, 1950 को हुई थी। यह कानून के शासन को बनाए रखने, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और पूरे देश में न्याय सुनिश्चित करने में न्यायालय के योगदान का प्रतीक है।

डाक विभाग की भूमिका

संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग द्वारा जारी यह डाक टिकट सर्वोच्च न्यायालय की स्थायी विरासत का स्मरण कराता है और भारत के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो न्याय और कानूनी अखंडता के प्रति साढ़े सात दशकों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सर्वोच्च न्यायालय : मुख्य बिंदु

  • स्थापना: सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 28 जनवरी, 1950 को भारत में सर्वोच्च न्यायिक मंच और अंतिम अपील न्यायालय के रूप में की गई थी।
  • मुख्य न्यायाधीश: पहले मुख्य न्यायाधीश हरिलाल जेकिसुंदस कानिया थे।
  • अधिकार क्षेत्र: न्यायालय के पास मूल, अपीलीय और सलाहकार अधिकार क्षेत्र हैं। यह संवैधानिक, सिविल और आपराधिक मामलों को संभालता है।
  • संरचना: सर्वोच्च न्यायालय भारत के मुख्य न्यायाधीश और भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त अधिकतम 33 अन्य न्यायाधीशों से बना है।
  • स्थान: सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • कार्य: यह मौलिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, राज्यों और केंद्र सरकार के बीच विवादों का समाधान करता है और भारत के संविधान की व्याख्या करता है।
  • महत्व: सर्वोच्च न्यायालय कानून के शासन को बनाए रखने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और भारत में कानूनी और संवैधानिक मिसाल कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • न्यायिक समीक्षा: न्यायालय के पास यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक समीक्षा की शक्ति है कि कानून और कार्यकारी कार्रवाई संविधान के अनुरूप हों।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]

TOPICS: