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राष्ट्रपति मुर्मू की ऐतिहासिक अफ़्रीकी यात्रा: मज़बूत होते संबंध

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 13 से 19 अक्टूबर, 2024 तक अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा करेंगी – जो किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन देशों की पहली यात्रा होगी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 13 से 19 अक्टूबर, 2024 तक अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की महत्वपूर्ण राजकीय यात्रा पर जाने वाली हैं। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन तीन अफ्रीकी देशों की पहली यात्रा है, जो इस महाद्वीप पर अपनी साझेदारी बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह यात्रा भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ के जी20 का स्थायी सदस्य बनने के एक साल बाद हो रही है , जो अफ्रीका के साथ भारत की रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करती है।

यात्रा का कार्यक्रम और महत्व

अल्जीरिया (13-15 अक्टूबर) : राष्ट्रपति मुर्मू अपनी यात्रा की शुरुआत अल्जीरिया से करेंगी, जहां वह राष्ट्रपति अब्देलमजीद तेब्बौने के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी और प्रमुख अल्जीरियाई गणमान्य व्यक्तियों से मिलेंगी। वह भारत-अल्जीरिया आर्थिक मंच को संबोधित करेंगी और हम्मा गार्डन में इंडिया कॉर्नर का उद्घाटन करेंगी, जिसमें तेल और गैस, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

मॉरिटानिया (16 अक्टूबर) : उनकी यात्रा का दूसरा चरण मॉरिटानिया में होगा, जो अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता करने वाले देश के कार्यकाल के दौरान होगा। राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति मोहम्मद औलद शेख अल ग़ज़ौनी के साथ-साथ प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगी। भारतीय समुदाय के साथ उनकी बातचीत का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करना है।

मलावी (17-19 अक्टूबर) : राष्ट्रपति लाजरस मैकार्थी चकवेरा के निमंत्रण पर, राष्ट्रपति मुर्मू द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेंगे, व्यापार जगत के नेताओं से मिलेंगे तथा सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा करेंगे, जिससे भारत और मलावी के बीच मजबूत संबंधों की पुष्टि होगी।

भारत-अफ्रीका संबंधों को बढ़ाना

राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने की भारत की गहरी इच्छा को रेखांकित करती है, जो वैश्विक दक्षिण के साथ सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के व्यापक दृष्टिकोण के साथ संरेखित है। यह ऐतिहासिक यात्रा न केवल भारत की विदेश नीति में अफ्रीका के महत्व पर जोर देती है, बल्कि पूरे महाद्वीप में स्थायी मित्रता बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।