राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत मंत्रिपरिषद की सलाह पर चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा (संसद के उच्च सदन) में नामित किया है। यह कदम क़ानून, शिक्षा, कूटनीति और सामाजिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों से विशेषज्ञता को संसद में प्रतिनिधित्व देने की दिशा में उठाया गया है।
कौन हैं नए राज्यसभा सदस्य?
नामित किए गए चार सदस्य हैं:
उज्ज्वल निकम – एक प्रसिद्ध वकील, जो कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं।
सी. सदानंदन मास्टर – एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्होंने युवाओं के सशक्तिकरण और समाजसेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है।
हर्षवर्धन श्रृंगला – वरिष्ठ राजनयिक और भारत के पूर्व विदेश सचिव, जिन्होंने भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. मीनाक्षी जैन – एक सम्मानित इतिहासकार और शिक्षाविद, जो शिक्षा, राजनीति शास्त्र और साहित्य के क्षेत्र में विशेष ज्ञान रखती हैं।
इन नियुक्तियों से सेवानिवृत्त नामित सदस्यों की जगह को भरा गया है और राज्यसभा में नए दृष्टिकोण और अनुभव लाने की उम्मीद है।
संविधान क्या कहता है?
ये नामांकन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) के अंतर्गत किए गए हैं, जो राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले अधिकतम 12 व्यक्तियों को राज्यसभा में नामित कर सकें।
इन नामांकनों का उद्देश्य संसद में विशेषज्ञता और विविध विचारों को शामिल करना है, जिससे बहसें अधिक सारगर्भित हों और विधायी प्रक्रिया अधिक प्रभावशाली बने।
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