राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Droupadi Murmu) ने 29 अक्टूबर 2025 को हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान में लगभग 30 मिनट की उड़ान (sortie) भरकर इतिहास रच दिया। इस उड़ान के साथ वे राफेल में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन गईं और विशेष रूप से — दो अलग-अलग भारतीय वायुसेना (IAF) लड़ाकू विमानों — राफेल और सुखोई सु-30 एमकेआई (Sukhoi Su-30 MKI) — में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति बनीं।
रक्षा नेतृत्व में दोहरा मील का पत्थर
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यह उड़ान राष्ट्रपति के रूप में उनके भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर (Supreme Commander of the Armed Forces) होने के प्रतीकात्मक पुनर्पुष्टि का प्रतीक है।
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इससे पहले, 8 अप्रैल 2023 को, उन्होंने असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई सु-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी।
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अब राफेल उड़ान के साथ, उन्होंने दोनों अग्रिम पंक्ति (frontline) के लड़ाकू विमानों का अनुभव लेकर एक नया मानदंड स्थापित किया है।
अंबाला उड़ान: विवरण और महत्व
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राष्ट्रपति मुर्मु ने राफेल के ट्विन-सीटर ट्रेनर संस्करण में उड़ान भरी।
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उनके साथ ग्रुप कैप्टन अमित गहानी (Group Captain Amit Gehani) थे, जो 17 स्क्वाड्रन “गोल्डन एरोज़ (Golden Arrows)” के कमांडिंग ऑफिसर हैं।
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उड़ान लगभग 30 मिनट तक चली, जिसमें विमान की गति, चपलता और प्रदर्शन क्षमता प्रदर्शित की गई।
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राफेल, फ्रांसीसी मूल का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था, और अंबाला इसका पहला बेस बना।
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यह विमान ऑपरेशन सिंदूर जैसी प्रमुख अभियानों में अपनी भूमिका निभा चुका है।
यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है
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यह उड़ान केवल औपचारिक नहीं थी — यह नागरिक नेतृत्व और सैन्य बलों के बीच सामंजस्य (civil-military harmony) का प्रतीक है।
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इससे राष्ट्रपति की रक्षा बलों के प्रति संवेदनशीलता और सक्रिय भागीदारी का प्रदर्शन होता है।
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इस तरह की पहलें रक्षा कर्मियों का मनोबल बढ़ाती हैं और जनता के बीच भारत की सामरिक (strategic) क्षमता के प्रति जागरूकता लाती हैं।
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यह राष्ट्रपति की संवैधानिक भूमिका को केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि प्रेरणादायक और सहभागी बनाती है।
मुख्य स्थिर तथ्य
| विषय | विवरण |
|---|---|
| विमान | राफेल लड़ाकू विमान (ट्विन-सीटर ट्रेनर) |
| आधार स्टेशन | अंबाला वायुसेना स्टेशन, हरियाणा |
| पायलट | ग्रुप कैप्टन अमित गहानी |
| पूर्व उड़ान | सुखोई सु-30 एमकेआई – 8 अप्रैल 2023, तेजपुर (असम) |
| ऐतिहासिक उपलब्धि | दो अलग-अलग वायुसेना लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति |
| उड़ान अवधि | लगभग 30 मिनट |
| पद | भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर |
| महत्व | नागरिक–सैन्य तालमेल का प्रतीक, रक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने वाली पहल |


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