विद्युत मंत्रालय ने 27 दिसंबर को कमजोर जलविद्युत परियोजनाओं/बिजली स्टेशनों के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। ऊर्जा सचिव आलोक कुमार और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य हिमस्खलन, भूस्खलन, ग्लेशियर, हिमनदी झीलों और अन्य भू-खतरों के खिलाफ उपयुक्त शमन उपायों को विकसित करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करना है।
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डीआरडीओ की विशेषज्ञता का उपयोग पहाड़ी क्षेत्रों में कमजोर जलविद्युत परियोजनाओं/बिजली स्टेशनों के लिए व्यापक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने में भी किया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से विकसित व्यापक समझ के साथ डीआरडीओ और संबंधित परियोजना विकासकर्ताओं के बीच अलग और विशिष्ट कार्य तैयार किए जाएंगे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के नेतृत्व में, विद्युत मंत्रालय ने विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों के ऊपरी इलाकों में स्थित हाइड्रो पावर परियोजनाओं में पूर्व चेतावनी प्रणाली (ईडब्ल्यूएस) (ईडब्ल्यूएस) को लागू करने की पहल की है।
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