महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 9 मार्च से 23 मार्च 2024 तक देशभर में पोषण पखवाड़ा आयोजित करेगा। इस 15 दिवसीय उत्सव का उद्देश्य पोषण, आहार प्रथाओं और महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाना है।
पोषण पखवाड़ा 2024 के फोकस क्षेत्र
पोषण पखवाड़ा 2024 के दौरान गतिविधियों और जागरूकता के लिए मुख्य फोकस क्षेत्र होंगे:
- पोषण भी पढाई भी (पीबीपीबी) – बेहतर प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा को बढ़ावा देना (ईसीसीई)
- जनजातीय, पारंपरिक, क्षेत्रीय, स्थानीय आहार प्रथाएं – पोषण के बारे में संवेदनशील बनाना
- गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य और शिशु एवं छोटे बच्चे का आहार (आईवाईसीएफ) अभ्यास
अन्य महत्वपूर्ण विषयों में शामिल
- मिशन लाइफ के माध्यम से पोषण में सुधार (जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन)
- टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिए बाजरा और पोषण वाटिका (रसोई उद्यान) को बढ़ावा देना
- आयुष पद्धतियों के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली अपनाना
- जल, स्वच्छता और हाइजीन (WaSH) और डायरिया प्रबंधन पर ध्यान दें
- एनीमिया का परीक्षण करें, इलाज करें और बात करें
- स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा (एसबीएस) आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) में बच्चों की नियमित वृद्धि निगरानी को बढ़ावा देने के लिए
पिछला पोषण पखवाड़ा
- मार्च-अप्रैल 2023 में पिछले पोषण पखवाड़ा के दौरान 4 करोड़ से अधिक संवेदीकरण गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इनमें श्री अन्न (फोर्टिफाइड चावल), पोषण के लिए बाजरा को बढ़ावा देने, स्वस्थ बालक स्पर्धा का जश्न मनाने और सक्षम आंगनबाड़ियों को लोकप्रिय बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- 2018 में पोषण अभियान के शुभारंभ के बाद से, 5 पोषण पखवाड़ा और 6 पोषण माह (महीने) के माध्यम से 90 करोड़ से अधिक संवेदीकरण गतिविधियाँ दर्ज की गई हैं।
पोषण पखवाड़ा के उद्देश्य
मुख्य उद्देश्यों में जनभागीदारी (सार्वजनिक भागीदारी) के माध्यम से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर पोषण से जुड़े व्यवहार परिवर्तन प्राप्त करना शामिल है।
पखवाड़ा का उद्देश्य पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और “जन आंदोलन और जन भागीदारी” (सार्वजनिक आंदोलन और भागीदारी) के माध्यम से स्वस्थ भोजन की आदतों को बढ़ावा देना है।
2018 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया पोषण अभियान, लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने और पोषण पर चर्चा को सबसे आगे लाने में सहायक रहा है।