प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। भारत के नेतृत्व वाले शिखर सम्मेलन का विषय “BRICS@15: Intra-BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus.” यानी ब्रिक्स@15: निरंतरता, समेकन और सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग था। भारत द्वारा चुनी गई थीम ब्रिक्स की पंद्रहवीं वर्षगांठ को दर्शाती है, जिसे 2021 में मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने ‘Build-back Resiliently, Innovatively, Credibly and Sustainably’ के आदर्श वाक्य के तहत ब्रिक्स सहयोग को बढ़ाने का आह्वान किया।
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शिखर सम्मेलन का समापन ‘नई दिल्ली घोषणा’ को अपनाने के साथ हुआ। यह तीसरी बार था जब भारत ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इससे पहले भारत ने 2012 और 2016 में ब्रिक्स की अध्यक्षता की थी। साथ ही, यह दूसरी बार है जब प्रधान मंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की है। उन्होंने इससे पहले 2016 में गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।
इसके अलावा, 2021 में ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में, भारत ने इस वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला है, जो थे:
- बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार (reform of the multilateral system),
- आतंकवाद विरोधी सहयोग (counter-terrorism cooperation),
- सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए डिजिटल और तकनीकी उपकरणों का उपयोग करना (using digital and technological tools to achieve the Sustainable Development Goals (SDG)),
- लोगों से लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ाना (enhancing people-to-people exchanges)
ब्राजील के राष्ट्रपति-जेयर बोल्सोनारो, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा सहित सभी ब्रिक्स नेताओं ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया। ब्रिक्स पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक संघ है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।