प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 सितंबर 2025 को बिहार की 75 लाख महिलाओं के खातों में ₹10,000-₹10,000 स्थानांतरित करेंगे। कुल ₹7,500 करोड़ की यह राशि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत दी जाएगी। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्वरोज़गार को बढ़ावा देना है। यह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बड़ा राजनीतिक और विकासात्मक कदम माना जा रहा है।
योजना क्या है?
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बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई, ग्रामीण विकास विभाग और नगर विकास विभाग के सहयोग से लागू।
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₹10,000 की प्रारंभिक सहायता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के ज़रिए।
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छह माह बाद प्रदर्शन समीक्षा के आधार पर योग्य महिलाओं को ₹2 लाख का अनुदान।
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धनराशि से महिलाएँ दर्जी का काम, छोटी दुकानें, कृषि आधारित कार्य या अन्य सूक्ष्म उद्यम शुरू कर सकती हैं।
मुख्य विशेषताएँ
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लॉन्च तिथि: 26 सितंबर 2025
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लाभार्थी: 75 लाख महिलाएँ (ग्रामीण व शहरी)
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पहली किश्त: ₹10,000 (गैर-वापसी योग्य)
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अगला अनुदान: ₹2 लाख (प्रदर्शन पर आधारित)
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कार्यान्वयन निकाय:
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ग्रामीण क्षेत्र – ग्रामीण विकास विभाग
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शहरी क्षेत्र – नगर विकास विभाग
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पात्रता शर्तें
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आयु: 18–60 वर्ष
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आयकर दाता नहीं होना चाहिए
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न्यूक्लियर परिवार से होना
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जीविका स्व-सहायता समूह (SHG) की सदस्य हो या जुड़ने के लिए तैयार हो
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विशेष पात्रता: अविवाहित वयस्क महिलाएँ जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, तथा जीविका समूह की महिलाएँ
क्रियान्वयन रणनीति
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अब तक 1.11 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए।
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जिलों, प्रखंडों, क्लस्टर फेडरेशनों और गाँव संगठनों स्तर पर जागरूकता व वितरण कार्यक्रम आयोजित होंगे।
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योजना को जीविका SHG नेटवर्क से जोड़कर लागू किया जाएगा।
त्वरित झलक
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₹10,000 की पहली किस्त – 75 लाख महिलाओं को, 26 सितम्बर 2025
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कुल राशि: ₹7,500 करोड़ (DBT के ज़रिए)
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6 माह बाद ₹2 लाख का अनुदान (प्रदर्शन आधारित)
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पात्र आयु: 18–60 वर्ष
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कार्यान्वयन: ग्रामीण एवं शहरी विकास विभाग
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राजनीतिक परिप्रेक्ष्य: बिहार चुनाव 2025 से पहले महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल


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