प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड क्षेत्र में गंभीर जल संकट को दूर करने के उद्देश्य से केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना की आधारशिला रखी है। यह परियोजना मध्य प्रदेश की केन नदी से अतिरिक्त जल को उत्तर प्रदेश की बेतवा नदी में स्थानांतरित करेगी, जिससे लाखों लोगों को जल आपूर्ति में सुधार होगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 12 जिलों के लगभग 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 10 जिलों के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा और कृषि सिंचाई को बढ़ावा मिलेगा। ₹44,605 करोड़ की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना से क्षेत्र में जल विद्युत और सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होगा, जिससे समग्र विकास में सहायता मिलेगी।
केन-बेतवा परियोजना के मुख्य बिंदु:
- जल आपूर्ति प्रभाव: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 65 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा।
- कृषि लाभ: 2,000 गांवों के लगभग 7.18 लाख किसान परिवारों को सिंचाई का लाभ मिलेगा।
- ऊर्जा उत्पादन: 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।
- अनुमानित लागत: ₹44,605 करोड़।
लंबे समय से प्रतीक्षित पहल:
राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण (NWDA) द्वारा 1995 में इस परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की गई थी। हालांकि, वर्षों तक परियोजना में देरी होती रही। 2023 में पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू हो पाया। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकारों, खासकर कांग्रेस पर जल संकट से निपटने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
पर्यटन और विकास:
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता देते हुए, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और दौधन सिंचाई परियोजना का भी शुभारंभ किया।
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि:
वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष पर, प्रधानमंत्री ने स्मारक डाक टिकट और सिक्के जारी किए। साथ ही ₹437 करोड़ की लागत से 1,153 अटल ग्राम सेवा सदनों की आधारशिला रखी। इन पहलों का उद्देश्य वाजपेयी की जल संसाधन और बुनियादी ढांचा विकास की विरासत को आगे बढ़ाना है।
मुख्य बिंदु | विवरण |
क्यों चर्चा में | पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना की आधारशिला रखी। |
परियोजना लागत | ₹44,605 करोड़ |
लाभार्थी | 65 लाख लोग (पीने का पानी), 7.18 लाख किसान (सिंचाई लाभ) एमपी और यूपी में। |
ऊर्जा उत्पादन | 103 मेगावाट जल विद्युत, 27 मेगावाट सौर ऊर्जा |
आवृत क्षेत्र | बुंदेलखंड (मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को शामिल करते हुए) |
स्थैतिक जानकारी (मध्य प्रदेश) | राजधानी: भोपाल; मुख्यमंत्री: मोहन यादव; राज्यपाल: मंगुभाई सी. पटेल |
अन्य परियोजनाएं उद्घाटित | ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट; दौधन सिंचाई परियोजना |
उल्लेखित योजनाएं | जल जीवन मिशन; जल शक्ति मंत्रालय का गठन |
स्मारक जारी | अटल बिहारी वाजपेयी को सम्मानित करने के लिए डाक टिकट और सिक्का जारी। |
अटल ग्राम सेवा सदन | ₹437 करोड़ की लागत से 1,153 सेवा सदनों का शिलान्यास। |
नदी जोड़ने की स्थिति | मध्य प्रदेश पहला राज्य है जहां दो सक्रिय नदी जोड़ परियोजनाएं हैं (केन-बेतवा, पार्वती-कालिसिंध-चंबल)। |